भारत सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने और देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए Krishonnati Yojana 2025 को मंजूरी दी है। यह योजना कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और देश के मध्यम वर्ग को सस्ती खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
3 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी गई। इस योजना के तहत कृषि मंत्रालय द्वारा संचालित 12 प्रमुख योजनाओं को दो व्यापक योजनाओं में समाहित कर उन्हें अधिक प्रभावी और सुगठित रूप दिया गया है।
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Krishonnati Yojana का उद्देश्य
कृषोन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य देश की कृषि व्यवस्था को आधुनिक तकनीक, जलवायु अनुकूलता और टिकाऊ विकास के साथ जोड़ना है ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके। साथ ही खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर देश में खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
इस योजना के माध्यम से 2031 तक खाद्य तेल उत्पादन को 1.27 करोड़ टन से बढ़ाकर 2 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त:
- किसानों के लिए आधुनिक उपकरणों और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना
- कृषि उत्पादों की वैल्यू चेन विकसित करना
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना
- जलवायु संकट से निपटने हेतु टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना
मुख्य तथ्य – Krishonnati Yojana 2025
विवरण | जानकारी |
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योजना का नाम | कृषोन्नति योजना 2025 |
शुरू करने की तिथि | 3 अक्टूबर 2024 |
शुरू करने वाले | प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी |
सम्बंधित मंत्रालय | कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय |
उद्देश्य | किसानों की आय में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना |
लाभार्थी | देश के किसान और मध्यम वर्गीय नागरिक |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
ऑफिशियल वेबसाइट | जल्द उपलब्ध करवाई जाएगी |
पात्रता मापदंड
इस Krishonnati Yojana का लाभ लेने के लिए आवेदक को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक एक पंजीकृत किसान होना चाहिए।
- कृषि भूमि के वैध दस्तावेज़ होने चाहिए।
- कृषि कार्यों में सक्रिय रूप से संलग्न होना चाहिए।
- ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना चाहिए (राज्य सरकार अनुसार)।
- पात्रता राज्य सरकारों के अनुसार थोड़ी अलग हो सकती है।
Krishonnati Yojana 2025 के लाभ
- कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
- किसानों की आय में प्रत्यक्ष वृद्धि होगी।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।
- कृषि आधारित योजनाएं तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त होंगी।
- खेती में नवाचार, टिकाऊपन और जलवायु के अनुकूल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
- खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिलेगी।
- कृषि उत्पादों की वैल्यू चेन (मूल्य श्रृंखला) मजबूत होगी।
- योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
आवेदन करते समय निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- कृषि भूमि के दस्तावेज़
- पैन कार्ड
- राशन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटो
राज्य सरकारों की भूमिका
राज्य सरकारों को इस योजना में विशेष भूमिका दी गई है। उन्हें योजना के क्रियान्वयन में पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि वे राज्य की जरूरतों के अनुसार योजनाओं में संशोधन करें।
राज्य सरकारें:
- क्षेत्र विशेष की समस्याओं को चिन्हित कर रणनीतिक योजना बनाएंगी।
- जलवायु आधारित कृषि, टिकाऊ कृषि व पोषण सुरक्षा पर विशेष ध्यान देंगी।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगी।
- फंड का उपयोग अपने अनुसार एक योजना से दूसरी योजना में स्थानांतरित कर सकेंगी।
राज्य सरकारों को दी जाने वाली सुविधाएं
राज्य सरकारों को “फ्लेक्सी फंड” की सुविधा दी जाएगी। इसके अंतर्गत राज्य विशेष की जरूरतों के आधार पर निम्न योजनाओं में निवेश किया जा सकेगा:
- मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना
- वर्षा-सिंचित क्षेत्र विकास कार्यक्रम
- परंपरागत कृषि विकास योजना
- कृषि यंत्रीकरण
- प्रति बूंद अधिक फसल
- फसल विविधीकरण कार्यक्रम
- कृषि स्टार्टअप के लिए पूंजीगत अनुदान
कार्यान्वयन प्रक्रिया
इस Krishonnati Yojana का कार्यान्वयन केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा निधि उपलब्ध कराई जाएगी और राज्य सरकार अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं को लागू करेगी।
कार्यक्रम के कार्यान्वयन में शामिल चरण:
- योजनाओं का एकीकरण
- क्षेत्रीय आवश्यकताओं की पहचान
- तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान करना
- प्रभाव मूल्यांकन व प्रगति रिपोर्टिंग
Krishonnati Yojana में शामिल उप-योजनाएं

Krishonnati Yojana के तहत 12 प्रमुख उप-योजनाएं/मिशन शामिल हैं:
- बागवानी एकीकृत विकास मिशन
- तिलहन और तेल पाम राष्ट्रीय मिशन
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
- सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन
- कृषि विस्तार पर उप-मिशन
- बीज और रोपण सामग्री मिशन
- कृषि यंत्रीकरण मिशन
- पौध संरक्षण एवं संगरोध उप-मिशन
- कृषि जनगणना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी योजना
- कृषि सहयोग योजना
- कृषि विपणन योजना
- राष्ट्रीय कृषि ई-गवर्नेंस योजना
बजट राशि
सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च करने का अनुमान लगाया है, जो कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ा निवेश है।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना: ₹57,074.72 करोड़
- कृषोन्नति योजना हेतु विशेष राशि: ₹44,246.89 करोड़
यह राशि केंद्र और राज्य दोनों मिलकर खर्च करेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. कृषोन्नति योजना कब शुरू की गई?
उत्तर: 03 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में यह योजना मंजूर की गई।
Q2. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: किसानों की आय में वृद्धि और देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना। साथ ही खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना।
Q3. योजना का संचालन कौन करेगा?
उत्तर: कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय इस योजना का संचालन करेगा।
Q4. क्या आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है?
उत्तर: हां, योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
Q5. योजना का बजट कितना है?
उत्तर: लगभग ₹1 लाख करोड़ की राशि इस योजना पर खर्च की जाएगी।
निष्कर्ष
कृषोन्नति योजना 2025 केंद्र सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो किसानों की आमदनी को बढ़ाने, कृषि उत्पादकता में सुधार करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना से कृषि क्षेत्र को तकनीकी, आर्थिक और रणनीतिक समर्थन मिलेगा और देश के लाखों किसानों को नई उम्मीदें मिलेंगी।
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