आंध्र प्रदेश सरकार ने हमेशा राज्य के नागरिकों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएँ शुरू की हैं। इन्हीं पहलों की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण योजना है — “आंध्र प्रदेश आश्रित व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना (Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana)”।
इस योजना का उद्देश्य राज्य के उन नागरिकों को व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है जो किसी सरकारी कर्मचारी, सेवा-निवृत्त व्यक्ति या दिवंगत कर्मचारी के आश्रित (Dependents) हैं, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर समाज और अर्थव्यवस्था में अपनी सशक्त भूमिका निभा सकें।
आज के प्रतिस्पर्धी युग में केवल शैक्षणिक योग्यता ही पर्याप्त नहीं है। रोजगार और स्वरोजगार दोनों के लिए कौशल विकास (Skill Development) आवश्यक हो गया है। इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, आंध्र प्रदेश सरकार ने यह योजना शुरू की है ताकि राज्य के आश्रित परिवारों को आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त किया जा सके।
Table of Contents
🌟 Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojanaका परिचय
“Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana” राज्य सरकार द्वारा संचालित एक प्रमुख सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण योजना है।
इस योजना के तहत, आश्रितों को विभिन्न क्षेत्रों में मुफ्त या रियायती दरों पर व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational Training) प्रदान किया जाता है, जिससे वे रोजगार योग्य बन सकें या स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें।
यह Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana आंध्र प्रदेश कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग (Andhra Pradesh Skill Development and Employment Department) द्वारा लागू की जाती है।
इसका मुख्य उद्देश्य है –
- बेरोजगार आश्रितों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देना।
- परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना।
- राज्य में कौशलयुक्त मानव संसाधन तैयार करना।
🎯 Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana की मुख्य विशेषताएँ
- प्रशिक्षण पूरी तरह से मुफ्त या बहुत ही कम शुल्क में उपलब्ध है।
- प्रशिक्षण का संचालन राज्यभर में स्थित मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों (Training Institutes) के माध्यम से किया जाता है।
- कोर्स की अवधि 3 महीने से 1 वर्ष तक होती है, जो प्रशिक्षण के प्रकार पर निर्भर करती है।
- प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले प्रतिभागियों को राज्य सरकार द्वारा प्रमाणपत्र दिया जाता है।
- प्रशिक्षण के बाद रोजगार या स्व-रोजगार सहायता भी प्रदान की जाती है।
- कुछ पाठ्यक्रमों में स्टाइपेंड (भत्ता) भी दिया जाता है ताकि प्रशिक्षण के दौरान आर्थिक कठिनाई न हो।
🎯 Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana के उद्देश्य और लक्ष्य
| उद्देश्य | विवरण |
| आत्मनिर्भरता | आश्रितों को स्वावलंबी बनाना |
| रोजगार सृजन | प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना |
| कौशल विकास | आधुनिक तकनीकी और व्यावसायिक कौशल सिखाना |
| महिला सशक्तिकरण | आश्रित महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना |
| ग्रामीण विकास | ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्थानीय उद्योगों में जोड़ना |
👥 पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
- आवेदनकर्ता आंध्र प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- वह किसी सरकारी कर्मचारी, सेवानिवृत्त अधिकारी या दिवंगत कर्मचारी का आश्रित होना चाहिए।
- न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता – 10वीं पास।
- आयु सीमा – 18 से 40 वर्ष तक।
- आवेदनकर्ता किसी अन्य सरकारी प्रशिक्षण योजना का लाभार्थी नहीं होना चाहिए।
📄 आवश्यक दस्तावेज (Required Documents)
- आधार कार्ड या अन्य पहचान प्रमाण
- निवास प्रमाण पत्र
- आश्रितता प्रमाण पत्र (Dependent Certificate)
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक की प्रति
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
🖊️ आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
🔹 ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले आंध्र प्रदेश कौशल विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- “Vocational Training for Dependents” विकल्प पर क्लिक करें।
- आवेदन फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी भरें – नाम, पता, पारिवारिक विवरण आदि।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करने के बाद पंजीकरण नंबर प्राप्त करें।
- पात्रता की जांच के बाद उम्मीदवार को प्रशिक्षण केंद्र आवंटित किया जाता है।
🔹 ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
- निकटतम डिस्ट्रिक्ट एम्प्लॉयमेंट ऑफिस या स्किल डेवलपमेंट सेंटर में जाएँ।
- आवेदन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उम्मीदवार को प्रशिक्षण के लिए नामांकित किया जाता है।
🧾 चयन प्रक्रिया (Selection Process)
- प्राप्त आवेदनों का प्रारंभिक सत्यापन किया जाता है।
- पात्र उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की जाती है।
- चयनित उम्मीदवारों को SMS या ईमेल द्वारा सूचना दी जाती है।
- प्रशिक्षण केंद्र में आवंटन के बाद प्रशिक्षण प्रारंभ किया जाता है।
🏫 प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का विवरण (Details of Vocational Courses)
| श्रेणी | प्रमुख पाठ्यक्रम |
| औद्योगिक | इलेक्ट्रिशियन, फिटर, प्लंबर, वेल्डिंग, मैकेनिकल कार्य |
| सूचना प्रौद्योगिकी | कंप्यूटर बेसिक्स, डेटा एंट्री, डिजिटल मार्केटिंग, टैली |
| महिला उन्मुख | ब्यूटी एंड वेलनेस, सिलाई-कढ़ाई, ज्वेलरी डिजाइनिंग |
| कृषि आधारित | डेयरी, पोल्ट्री, ऑर्गेनिक फार्मिंग, फूड प्रोसेसिंग |
| सेवा क्षेत्र | हेल्थ असिस्टेंट, नर्सिंग एड, होटल मैनेजमेंट, कुकिंग |
| उद्यमिता | ई-कॉमर्स, लघु उद्योग प्रबंधन, बिजनेस डेवलपमेंट |
💰 लाभ और वित्तीय सहायता (Benefits & Financial Assistance)
- सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम निःशुल्क या रियायती दरों पर उपलब्ध हैं।
- प्रशिक्षण के दौरान ₹1000 से ₹3000 मासिक भत्ता प्रदान किया जाता है (पाठ्यक्रम के अनुसार)।
- प्रशिक्षण के बाद रोजगार सहायता और करियर गाइडेंस दी जाती है।
- स्व-रोजगार चाहने वालों को बैंक लोन व सब्सिडी सहायता मिलती है।
- प्रशिक्षण के बाद सरकारी या निजी क्षेत्रों में जॉब फेयर आयोजित किए जाते हैं।
🌍 Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana से होने वाले प्रमुख लाभ
- परिवार के आश्रित सदस्यों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का विकास।
- आर्थिक स्थिति में सुधार।
- युवाओं में रोजगार सृजन की क्षमता।
- ग्रामीण क्षेत्रों में नए उद्योगों का विकास।
- राज्य में तकनीकी रूप से दक्ष जनशक्ति का निर्माण।
🏢 Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana का प्रबंधन और निगरानी
- इस योजना की देखरेख आंध्र प्रदेश कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग करता है।
- प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
- प्रशिक्षण संस्थानों का वार्षिक मूल्यांकन किया जाता है।
- लाभार्थियों के फीडबैक के आधार पर योजना में सुधार किए जाते हैं।
⚙️ चुनौतियाँ और सुधार की संभावनाएँ
चुनौतियाँ:
- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल जागरूकता की कमी।
- कुछ स्थानों पर प्रशिक्षण केंद्रों की सीमित संख्या।
- प्रशिक्षण के बाद नौकरी की कमी।
सुधार की संभावनाएँ:
- ऑनलाइन प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म का विस्तार।
- उद्योगों के साथ साझेदारी बढ़ाना।
- उद्यमिता को बढ़ावा देकर आत्मरोजगार के अवसर देना।

🌟 सफलता की कहानियाँ (Success Stories)
उदाहरण 1:
नेल्लोर जिले की रेखा देवी, जो एक सरकारी कर्मचारी की विधवा हैं, ने इस योजना के तहत सिलाई और डिजाइनिंग का प्रशिक्षण लिया। आज वे स्वयं का बुटीक चला रही हैं और पाँच अन्य महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।
उदाहरण 2:
विशाखापट्टनम के राजेश कुमार, एक दिवंगत कर्मचारी के पुत्र, ने इलेक्ट्रिशियन कोर्स किया और अब निजी कंपनी में स्थायी रूप से कार्यरत हैं।
इन कहानियों से यह स्पष्ट है कि यह योजना वास्तव में आश्रित परिवारों के जीवन में परिवर्तन ला रही है।
🧩 निष्कर्ष
“Andhra Pradesh Vocational Training to the Dependents Yojana” राज्य सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और कुशल बनाती है।
यह योजना उन परिवारों के लिए आशा की किरण है जो आश्रित होकर भी सम्मानजनक जीवन जीना चाहते हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार का यह प्रयास न केवल रोजगार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” के सपने को साकार करने में भी एक सशक्त कदम है।
❓ सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. आंध्र प्रदेश आश्रित व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना क्या है?
यह योजना राज्य सरकार द्वारा आश्रित परिवारों को व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए शुरू की गई है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
2. इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
राज्य के वे निवासी जो किसी सरकारी कर्मचारी, सेवानिवृत्त या दिवंगत अधिकारी के आश्रित हैं।
3. आवेदन कैसे करें?
आप ऑनलाइन आंध्र प्रदेश कौशल विकास विभाग की वेबसाइट से या नजदीकी जिला रोजगार कार्यालय से आवेदन कर सकते हैं।
4. प्रशिक्षण की अवधि कितनी होती है?
प्रशिक्षण का समय 3 महीने से लेकर 1 वर्ष तक होता है।
5. क्या प्रशिक्षण के दौरान कोई भत्ता मिलता है?
हाँ, पात्र उम्मीदवारों को ₹1000 से ₹3000 प्रति माह तक स्टाइपेंड दिया जाता है।
6. क्या प्रशिक्षण के बाद नौकरी की गारंटी है?
सरकार नौकरी की गारंटी नहीं देती, लेकिन रोजगार सहायता और प्लेसमेंट सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
7. क्या यह योजना पूरे राज्य में लागू है?
हाँ, यह योजना आंध्र प्रदेश के सभी जिलों में लागू है।
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