छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और बिजली मीटर रीडिंग सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से “Bijli Sakhi Yojana” की शुरुआत की गई है। यह योजना न केवल ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में बिजली से जुड़ी सेवाओं को बेहतर बना रही है, बल्कि महिलाओं को अपने गांव में ही रोजगार का अवसर भी दे रही है।
पहले जिन इलाकों में मीटर रीडिंग समय पर नहीं हो पाती थी और गलत बिलों की शिकायतें आम थीं, अब वहीं की महिलाएं इस कार्य को सफलतापूर्वक निभा रही हैं। Bijli Sakhi Yojana महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रही है, जहां वे सालाना ₹50,000 से ₹1,00,000 तक की आमदनी अर्जित कर रही हैं।
Table of Contents
🔶 Bijli Sakhi Yojana का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है —
- ग्रामीण महिलाओं को नियमित आय का स्रोत प्रदान करना।
- मीटर रीडिंग सेवाओं में पारदर्शिता और सटीकता लाना।
- दूरस्थ एवं आदिवासी क्षेत्रों में बिजली बिलिंग संबंधी समस्याओं का समाधान करना।
- महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना।
- गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना, जिससे पलायन की समस्या कम हो।
🔶 Bijli Sakhi Yojana की शुरुआत और संचालन
Bijli Sakhi Yojana की शुरुआत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (CSPDCL) द्वारा की गई है। योजना का पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में चलाया जा रहा है।
यहां 21 स्व-सहायता समूह (Self Help Group) की साक्षर और सक्रिय महिलाओं का चयन किया गया है। इन महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें “बिजली सखी” के रूप में नियुक्त किया गया है।
🔶 Bijli Sakhi Yojana के मुख्य बिंदु
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| योजना का नाम | Bijli Sakhi Yojana 2025 |
| लॉन्च करने वाले | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय |
| जिला | जशपुर, छत्तीसगढ़ |
| विभाग | छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (CSPDCL) |
| चयनित महिलाएं | 21 स्व-सहायता समूह सदस्य |
| मासिक आय | ₹4,000 से ₹6,000 |
| प्रति मीटर रीडिंग भुगतान | ₹12 |
| वार्षिक आय अनुमानित | ₹50,000 से ₹1,00,000 |
| पायलट क्षेत्र | बगीचा विकासखंड |
🔶 Bijli Sakhi Yojana कैसे काम करती है?
चरण 1:
जिला प्रशासन और बिजली विभाग ने जशपुर जिले के विभिन्न स्व-सहायता समूहों से 21 सक्रिय और शिक्षित महिलाओं का चयन किया।
चरण 2:
इन महिलाओं को मीटर रीडिंग और डेटा रिकॉर्डिंग का प्रशिक्षण दिया गया ताकि वे तकनीकी रूप से दक्ष बन सकें।
चरण 3:
प्रशिक्षण के बाद इन्हें “बिजली सखी” के रूप में गांवों में नियुक्त किया गया।
चरण 4:
हर मीटर रीडिंग के लिए महिलाओं को ₹12 प्रति रीडिंग भुगतान किया जाता है, जिससे उनकी मासिक आय ₹4,000 से ₹6,000 तक हो जाती है।
चरण 5:
इन महिलाओं को महीने में केवल 5 से 7 दिन ही कार्य करना होता है, जिससे वे अपने घरेलू कार्यों के साथ-साथ यह जिम्मेदारी भी निभा पाती हैं।
🔶 Bijli Sakhi Yojana के लाभ
- महिलाओं को रोजगार के अवसर:
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अब अपने ही गांव में रोजगार पा रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। - समय पर मीटर रीडिंग:
पहले जहां बिजली विभाग के कर्मचारियों को दूरस्थ इलाकों में जाने में कठिनाई होती थी, अब स्थानीय महिलाएं यह कार्य कर रही हैं, जिससे समय पर रीडिंग संभव हो रही है। - सही बिलिंग और पारदर्शिता:
बिजली सखियों के माध्यम से प्राप्त मीटर रीडिंग अधिक सटीक और पारदर्शी हैं, जिससे गलत बिलों की शिकायतें कम हुई हैं। - महिला सशक्तिकरण:
इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। अब वे अपने परिवार की आय में योगदान दे रही हैं। - स्थानीय स्तर पर सेवा सुधार:
बिजली विभाग को अब फील्ड विजिट में कठिनाई नहीं होती और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिल रही है।
🔶 Bijli Sakhi Yojana का प्रभाव
जशपुर जिले में इस योजना ने ग्रामीण जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया है। पहले जहां बिजली कर्मचारी दूर-दराज़ इलाकों तक नहीं पहुंच पाते थे, वहीं अब उन्हीं इलाकों की महिलाएं यह काम बड़ी आसानी से कर रही हैं। यह पहल न केवल बिजली वितरण सेवाओं को मजबूत कर रही है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक आज़ादी भी दे रही है।
🔶 Bijli Sakhi Yojana का विस्तार
अधिकारियों के अनुसार, Bijli Sakhi Yojana का पायलट प्रोजेक्ट काफी सफल रहा है। यदि आगामी महीनों में परिणाम सकारात्मक बने रहे, तो यह योजना छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी लागू की जाएगी।
सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले के गांवों में स्थानीय महिलाएं ही मीटर रीडिंग का कार्य संभालें, जिससे राज्यभर में रोजगार और सेवा दोनों में सुधार हो।
🔶 लाभार्थियों की प्रतिक्रियाएं
Bijli Sakhi Yojana से जुड़ी कई महिलाओं ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि वे अब अपनी मेहनत से कमाई कर रही हैं और परिवार की जिम्मेदारियों में योगदान दे रही हैं। कुछ महिलाओं ने बताया कि अब वे सालाना ₹50,000 से ₹60,000 तक कमा रही हैं। यह राशि ग्रामीण परिवारों के लिए बहुत बड़ी मदद साबित हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्थानीय प्रशासन का धन्यवाद किया है, जिन्होंने उन्हें यह अवसर दिया।
🔶 प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग
बिजली सखियों को कार्य प्रारंभ करने से पहले एक विशेष प्रशिक्षण दिया गया जिसमें शामिल थे:
- मीटर रीडिंग की विधि सीखना।
- बिजली बिलिंग ऐप या रिकॉर्ड बुक में डेटा दर्ज करना।
- उपभोक्ताओं के साथ संवाद स्थापित करना।
- बिजली विभाग के अधिकारियों को डेटा समय पर भेजना।
प्रशिक्षण के बाद महिलाएं न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बनीं बल्कि आत्मविश्वासी भी हुईं।
🔶 Bijli Sakhi Yojana से जुड़े अन्य पहलू

- सामाजिक सम्मान में वृद्धि:
बिजली सखियां अपने गांव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं। उन्हें समाज में सम्मान और पहचान मिल रही है। - परिवार की आर्थिक मदद:
कमाई से महिलाएं अपने बच्चों की शिक्षा, घर की जरूरतें और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में योगदान दे पा रही हैं। - स्थानीय प्रशासन के लिए सुविधा:
स्थानीय महिलाओं के जुड़ने से बिजली विभाग को भी कार्य की निगरानी और रिपोर्टिंग में आसानी हुई है।
🔶 भविष्य की संभावनाएं
छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि Bijli Sakhi Yojana को जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाए। इसके साथ ही, सरकार यह भी विचार कर रही है कि:
- बिजली सखियों को डिजिटल उपकरण (जैसे मोबाइल ऐप या मीटर स्कैनर) उपलब्ध कराए जाएं।
- उनकी आय को और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन राशि या बोनस प्रणाली शुरू की जाए।
- उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि दीर्घकालिक लाभ मिल सके।
🔶 निष्कर्ष
Bijli Sakhi Yojana छत्तीसगढ़ की उन योजनाओं में से एक है जिसने यह साबित किया है कि महिलाओं को अवसर मिले तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर सकती हैं। इस योजना ने न केवल बिजली विभाग के काम को आसान बनाया है बल्कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक आज़ादी और आत्मसम्मान भी दिया है।
अगर यह पहल राज्य के अन्य जिलों में भी सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन सकती है।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
❓1. बिजली सखी योजना क्या है?
उत्तर: बिजली सखी योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक पहल है, जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को मीटर रीडिंग का कार्य सौंपा गया है। इससे महिलाओं को रोजगार मिलता है और बिजली विभाग को सटीक मीटर रीडिंग प्राप्त होती है।
❓2. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को नियमित आय का स्रोत प्रदान करना और मीटर रीडिंग सेवाओं में सुधार लाना है।
❓3. बिजली सखी योजना की शुरुआत कब और कहां हुई?
उत्तर: यह योजना 2025 में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है।
❓4. बिजली सखी योजना किसके द्वारा शुरू की गई है?
उत्तर: यह योजना मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (CSPDCL) द्वारा शुरू की गई है।
❓5. इस योजना में कितनी महिलाओं को चुना गया है?
उत्तर: योजना के पहले चरण में 21 स्व-सहायता समूह (SHG) की महिलाओं का चयन किया गया है।
❓6. एक बिजली सखी को प्रति मीटर रीडिंग पर कितना भुगतान मिलता है?
उत्तर: प्रत्येक मीटर रीडिंग पर एक बिजली सखी को ₹12 का भुगतान किया जाता है।
