Andhra Pradesh Rytanna Mee Kosam Scheme 2025

Andhra Pradesh Rytanna Mee Kosam Scheme 2025: किसानों के लिए पंचसूत्र कार्यक्रम

Andhra Pradesh Rytanna Mee Kosam Scheme 2025 की शुरुआत कर दी है। इस कार्यक्रम के तहत पूरे राज्य में किसानों को जागरूक करने का काम तेज़ी से चल रहा है। गाँव-गाँव जाकर किसानों को पंचसूत्रों (Panchasutras) के बारे में सरल तरीके से समझाया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि आंध्र प्रदेश का हर किसान खेती को अधिक लाभकारी, सुरक्षित और आधुनिक बना सके।

राज्य सरकार की यह नई पहल केवल किसानों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि डेयरी, पोल्ट्री, मत्स्य पालन (aquaculture), भेड़-पालन और अन्य सहायक कृषि क्षेत्रों से जुड़े हर परिवार को इस अभियान का लाभ मिलेगा।

Table of Contents

📌 Andhra Pradesh Rytanna Mee Kosam Scheme क्यों शुरू किया गया?

मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि पिछले 17 महीनों से राज्य में कृषि व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार काम चल रहा है। खेती को बेहतर बनाने, किसानों को आर्थिक रूप से मज़बूत करने और खेती को कम खर्चीला व अधिक मुनाफ़ेदार बनाने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही, सरकार ने Andhra Pradesh Rytanna Mee Kosam Scheme के अंतर्गत 14,000 रुपए प्रति किसान की सहायता राशि दो किस्तों में जारी की।

यह राशि लगभग 46.5 लाख किसानों को दी गई, जिसकी कुल लागत 6,310 करोड़ रुपए रही।

सरकार का कहना है कि अब आवश्यकता है कि किसानों को नई तकनीक, पानी संरक्षण, प्राकृतिक खेती, मिट्टी परीक्षण और फूड प्रोसेसिंग जैसी आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाए। इसी उद्देश्य से “रैतन्ना मी कोसम” कार्यक्रम को शुरू किया गया है।

🔍 Andhra Pradesh Rytanna Mee Kosam Scheme Highlights

विशेषताविवरण
कार्यक्रम का नामरैतन्ना मी कोसम
शुरू किया गयामुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा
मुख्य उद्देश्यकिसानों को पंचसूत्रों के बारे में जागरूक करना
कार्यक्रम तिथि24 से 29 नवंबर
कार्यशालाएँ3 दिसंबर को सभी रैतु सेवा केंद्रों पर
लक्षित समूहसभी किसान और सहायक कृषि क्षेत्र

🌾 Andhra Pradesh Rytanna Mee Kosam Scheme क्या हैं? (Check Scheme Details)

पंचसूत्रों को किसानों के लिए पाँच सरल मार्गदर्शन बिंदु माना गया है। इनका उद्देश्य खेती को:

✔ लाभकारी बनाना
✔ कम खर्चीला बनाना
✔ मिट्टी और पानी की सुरक्षा करना
✔ आधुनिक तकनीक से जोड़ना
✔ खाद्यान्न की गुणवत्ता सुधारना

पंचसूत्रों के पाँच मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं—

1️⃣ Water Security / पानी की सुरक्षा

  • खेती में पानी का बेहतर उपयोग
  • ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीक
  • सिंचाई का वैज्ञानिक प्रबंधन
    इससे फसलों को समय पर पानी मिलता है और पानी की बर्बादी नहीं होती।

2️⃣ Demand Based Cropping / मांग आधारित खेती

  • बाजार की मांग देखकर फसल का चयन
  • कम जोखिम और अधिक आय
  • स्थानीय स्तर पर उपयुक्त फसलें
    इससे किसान को अपनी फसल का सही मूल्य मिलता है।

3️⃣ Use of Agritech / कृषि तकनीक का उपयोग

  • आधुनिक मशीनें
  • मोबाइल ऐप
  • स्मार्ट सिंचाई उपकरण
    ये तकनीक मेहनत को कम करती है और उत्पादन को दोगुना करती है।

4️⃣ Food Processing / खाद्य प्रसंस्करण

  • फसल को कच्चे रूप में बेचने के बजाय प्रोसेस करके बेचना
  • दाल, पाउडर, जैम, ड्राय प्रॉडक्ट आदि के रूप में मूल्यवृद्धि
  • कम भूमि में भी अधिक कमाई
    यह किसानों की आय बढ़ाने का सबसे कारगर तरीका है।

5️⃣ Government Support / सरकारी सहयोग

राज्य सरकार किसानों को देती है—

  • सब्सिडी
  • प्रशिक्षण
  • उपकरण
  • मार्केट कनेक्टिविटी
  • बीज और खाद सहायता

इससे किसानों को हर स्तर पर मदद मिलती है।

🏡 रायतन्ना मी कोसम के लिए गाँव-गाँव दौरे और किसान बैठकें

24 से 29 नवंबर के बीच सरकारी टीमें गाँव-गाँव जाकर:

✔ किसानों के घरों का दौरा करेंगी
✔ पंचसूत्रों की जानकारी देंगी
✔ आधुनिक खेती के फायदे समझाएँगी
✔ व्यक्तिगत बातचीत करके समस्याएँ पूछेंगी

यह प्रक्रिया घर-घर जागरूकता अभियान की तरह चलाई जाएगी।

इसके बाद 3 दिसंबर को सभी रैतु सेवा केंद्रों (RSK) पर बड़े स्तर पर कार्यशालाएँ होंगी, जिसमें शामिल होंगे—

  • कृषि विभाग
  • बागवानी विभाग
  • पशुपालन
  • डेयरी
  • पोल्ट्री
  • मत्स्य पालन
  • विपणन विभाग

इन सभी विशेषज्ञों द्वारा फील्ड-लेवल पर किसानों को मार्गदर्शन दिया जाएगा और उनके सवालों के जवाब भी दिए जाएंगे।

💰 अन्नदाता सुखिभव और पीएम किसान के तहत सहायता

सरकार ने बताया कि पिछले 17 महीनों में किसानों को—

✔ 14,000 रुपए प्रति किसान

दो किस्तों में भेजे गए हैं।

कुल लाभार्थी: 46.5 लाख किसान
कुल राशि: ₹6,310 करोड़

यह आर्थिक सहायता किसानों की कई समस्याएँ दूर करने में मददगार रही है।

साथ ही, ड्रिप सिंचाई, पोलम पिलुस्तोंदि, प्राकृतिक खेती और पंचसूत्र जैसे कार्यक्रम खेती को लाभकारी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

🌟 AP Rytanna Mee Kosam Scheme के लाभ

1️⃣ आधुनिक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने बताया कि:

  • आधुनिक खेती से आय बढ़ती है
  • प्राकृतिक खेती मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है
  • उपज की गुणवत्ता बेहतर होती है

कडप्पा जिले में कई किसानों ने बताया कि प्राकृतिक खेती अपनाने से उनकी मिट्टी और फसल दोनों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

सरकार के ग्रोमोर केंद्रों (Gromor Centres) पर किसानों को कम कीमत में उर्वरक उपलब्ध हैं, जिससे लागत काफी कम होती है।

2️⃣ फूड प्रोसेसिंग और मार्केट लिंक

यह पंचसूत्र का सबसे मजबूत हिस्सा है।

  • फसल को प्रोसेस करके बेचने से दाम अधिक मिलता है
  • किसान अपने उत्पाद को बाजार तक आसानी से पहुँचा सकते हैं
  • सरकार ने जल प्रबंधन में सुधार किया है
  • जलाशय इस साल पर्याप्त भरे हैं

इससे आने वाले महीनों में खेती को बड़ा फायदा होने वाला है।

3️⃣ कीटनाशक के अधिक उपयोग और जैविक उत्पाद की मांग पर जागरूकता

किसानों को बताया जाएगा—

  • अधिक कीटनाशक उपयोग से मिट्टी और स्वास्थ्य को नुकसान
  • जैविक फसल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग
  • मिट्टी परीक्षण और जल संरक्षण के सरल तरीके
  • फसल के अनुसार खाद और पानी का उपयोग

इससे किसान कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली उपज पैदा कर सकेंगे।

❓ FAQs

1️⃣ रैतन्ना मी कोसम कार्यक्रम क्या है?

यह आंध्र प्रदेश सरकार का नया अभियान है जिसमें किसानों को पंचसूत्रों और आधुनिक खेती तकनीक की जानकारी दी जाती है।

2️⃣ गाँव-गाँव दौरा कब होगा?

24 से 29 नवंबर तक पूरे राज्य में किसान परिवारों से मुलाकात की जाएगी।

3️⃣ किसानों के लिए कार्यशालाएँ कब होंगी?

3 दिसंबर को सभी रैतु सेवा केंद्रों में कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।

4️⃣ अन्नदाता सुखीभाव और पीएम किसान के तहत कितनी राशि दी गई है?

प्रति किसान 14,000 रुपए की सहायता दो किस्तों में दी गई, जिससे 46.5 लाख किसान लाभान्वित हुए।

5️⃣ पंचसूत्र क्या हैं?

पानी संरक्षण, मांग आधारित खेती, कृषि तकनीक, फूड प्रोसेसिंग और सरकारी सहयोग—ये पाँच मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।

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