कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। राज्य की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है, लेकिन हर साल प्राकृतिक आपदाएँ—जैसे बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि—किसानों की मेहनत को बड़ी क्षति पहुँचाती हैं। ऐसे में बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई “Bihar Krishi Input Anudan Yojana” किसानों के लिए आर्थिक सहारा बनकर उभरती है। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों को राहत देती है जिनकी फसलें प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो जाती हैं।
इस विस्तृत लेख में हम इस योजना का इतिहास, उद्देश्य, पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया, दस्तावेज़, अनुदान राशि, चुनौतियाँ, सुधार और इससे जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को सरल और स्पष्ट रूप में समझेंगे।
Table of Contents
1. प्रस्तावना
भारत सदियों से कृषि प्रधान देश रहा है, और बिहार उसमें महत्वपूर्ण स्थान रखता है। राज्य में बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएँ बार-बार आती हैं, जो कृषि उत्पादन पर गंभीर प्रभाव डालती हैं। ऐसे समय में किसानों को आर्थिक सहायता की आवश्यकता होती है ताकि वे अपनी आजीविका चलाते हुए कृषि कार्य जारी रख सकें।
इसी दिशा में राज्य सरकार ने “Bihar Krishi Input Anudan Yojana” लागू की, जिसके तहत फसल क्षति का आकलन कर किसानों को निर्धारित राशि अनुदान के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है। यह योजना किसानों के लिए संकट के समय राहत का बड़ा स्त्रोत बनती है।
2. Bihar Krishi Input Anudan Yojana क्या है?
Bihar Krishi Input Anudan Yojana बिहार सरकार की वह प्रमुख योजना है जिसके तहत प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को मुआवजा या राहत राशि दी जाती है। यह राशि कृषि इनपुट जैसे—बीज, खाद, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई मरम्मत आदि के खर्च की पूर्ति करने में मदद करती है।
सरकार द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित होने के बाद, किसान ऑनलाइन आवेदन कर इस राहत राशि का लाभ ले सकते हैं। राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है।
3. Bihar Krishi Input Anudan Yojana के मुख्य उद्देश्य
- प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को आर्थिक राहत प्रदान करना।
- किसानों द्वारा दोबारा खेती करने के लिए आवश्यक धन की पूर्ति करना।
- अनुदान राशि देकर किसानों के आर्थिक बोझ को कम करना।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थिर रखना और कृषि उत्पादन बढ़ाना।
- आपदा प्रभावित किसानों की आय सुरक्षा सुनिश्चित करना।
4. Bihar Krishi Input Anudan Yojana के प्रमुख लाभ
- फसल क्षति पर सरकार द्वारा अनुदान राशि प्रदान की जाती है।
- राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
- छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाती है।
- फसल के साथ-साथ बागवानी और दलहन-तिलहन को भी कवर किया जाता है।
- आवेदन प्रक्रिया सरल और पूरी तरह ऑनलाइन है।
- न्यूनतम दस्तावेज़ों के साथ पात्र किसान राहत राशि प्राप्त कर सकते हैं।
5. अनुदान राशि का विवरण
| फसल प्रकार | सिंचित भूमि (₹ प्रति हेक्टेयर) | असिंचित भूमि (₹ प्रति हेक्टेयर) | अधिकतम सीमा |
| खाद्यान्न फसलें | ₹13,500 | ₹6,800 | 2 हेक्टेयर |
| दलहन/तिलहन | ₹18,000 | ₹9,000 | 2 हेक्टेयर |
| बागवानी/सब्जी | ₹36,000 | – | 2 हेक्टेयर |
| बाढ़/सूखा/ओलावृष्टि प्रभावित खेत | वास्तविक क्षति के आधार पर | वास्तविक क्षति के आधार पर | 2 हेक्टेयर |
यह राशि समय-समय पर संशोधित भी की जाती है।
6. पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
- किसान बिहार राज्य का निवासी होना चाहिए।
- किसान के नाम भूमि का रिकॉर्ड होना चाहिए (रेट कार्ड/खसरा/खतियान)।
- फसल प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई होनी चाहिए।
- खेत घोषित आपदा प्रभावित क्षेत्र में होना चाहिए।
- किसान का बैंक खाता डीबीटी के लिए लिंक होना चाहिए।
- कृषि विभाग के पोर्टल पर किसान पंजीकृत होना अनिवार्य है।
यदि किसान बटाईदार है, तो उसे बटाई की रसीद या ग्राम पंचायत से प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक हो सकता है।
7. आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- बैंक पासबुक
- भूमि रिकॉर्ड/खतियान
- कीट/फसल क्षति का प्रमाण (ब्लॉक स्तर पर सत्यापन)
- कृषि पंजीकरण संख्या
- पासपोर्ट आकार फोटो
8. आवेदन प्रक्रिया (How to Apply Online?)
किसान इस योजना के लिए DBT Agriculture Portal Bihar पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:
- DBT Agriculture Bihar की वेबसाइट खोलें।
- “Input Subsidy” या “कृषि इनपुट अनुदान” विकल्प चुनें।
- किसान रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर लॉगिन करें।
- अपनी फसल एवं भूमि की जानकारी भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें और प्रिंट निकालें।
- अधिकारी आपके खेत का सत्यापन करेंगे।
- सत्यापन के बाद राशि सीधे बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
9. लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया
- आवेदन प्राप्त होने पर कृषि विभाग द्वारा फसल क्षति की जांच की जाती है।
- ब्लॉक कृषि पदाधिकारी खेत का निरीक्षण करते हैं।
- क्षति का प्रतिशत निर्धारित किया जाता है।
- सूची तैयार कर अनुमोदन भेजा जाता है।
- डीबीटी के माध्यम से राशि भेजी जाती है।
- इस तरह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होती है।
10. Bihar Krishi Input Anudan Yojana से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
- फसल क्षति कम से कम 33% होनी चाहिए।
- किसान का मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए।
- गलत जानकारी देने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
- गलत बैंक विवरण देने पर भुगतान अटक सकता है।
- समय सीमा के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।
11. कृषि विभाग द्वारा दी जाने वाली अतिरिक्त सहायता
- किसान सलाह केंद्रों पर नि:शुल्क मार्गदर्शन
- कृषि तकनीक और फसल सुधार के प्रशिक्षण
- आपदा प्रबंधन संबंधी सुझाव
- फसल बीमा योजना की अतिरिक्त जानकारी
- 24×7 कृषि हेल्पलाइन
12. Bihar Krishi Input Anudan Yojana का प्रभाव और किसानों के अनुभव
इस योजना ने बिहार के लाखों किसानों को प्राकृतिक आपदा के समय बड़ी राहत प्रदान की है। पिछले कुछ वर्षों में:
- फसल बर्बाद होने पर किसानों को भारी आर्थिक सहारा मिला
- कई किसानों ने इस राशि से बीज और उर्वरक खरीदकर दोबारा खेत तैयार किया
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई
- छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ
- ओलावृष्टि/सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत महसूस हुई
कई किसानों का कहना है कि यदि यह सहायता न होती तो खेती जारी रखना मुश्किल हो जाता।

13. चुनौतियाँ और सुधार के अवसर
चुनौतियाँ:
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट/डिजिटल ज्ञान की कमी
- सत्यापन प्रक्रिया में देरी
- कुछ किसानों के दस्तावेज़ों में त्रुटियाँ
- बैंक खाते से जुड़ी तकनीकी समस्याएँ
संभावित सुधार:
- आवेदन प्रक्रिया को और सरल बनाना
- पंचायत स्तर पर हेल्पडेस्क स्थापित करना
- मोबाइल ऐप के माध्यम से डेमो वीडियो
- सत्यापन प्रक्रिया में तकनीकी उपयोग (ड्रोन/सैटेलाइट मैपिंग)
- जागरूकता अभियान बढ़ाना
14. निष्कर्ष
Bihar Krishi Input Anudan Yojana राज्य के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत कार्यक्रम है। यह प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें दोबारा खेती शुरू करने की प्रेरणा देता है। अनुदान राशि सीधे बैंक खाते में भेजने से पारदर्शिता बढ़ी है और किसानों को समय पर राहत मिलती है। आने वाले समय में इस योजना का विस्तार और तकनीकी सुधार किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण को और मजबूत कर सकता है।
15. FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. बिहार कृषि इनपुट अनुदान योजना किसके लिए है?
यह योजना प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत राशि प्रदान करने के लिए है।
Q2. कितनी फसल क्षति पर अनुदान मिलता है?
कम से कम 33% फसल क्षति होने पर अनुदान के लिए पात्रता मिलती है।
Q3. आवेदन कैसे करें?
DBT Agriculture Bihar पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Q4. राशि कैसे मिलती है?
राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है।
Q5. क्या बटाईदार किसान भी लाभ ले सकते हैं?
हाँ, आवश्यक प्रमाण पत्र होने पर वे भी लाभ ले सकते हैं।
Q6. प्रति किसान अधिकतम कितनी भूमि पर अनुदान मिलता है?
अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है।
Q7. किन आपदाओं में अनुदान मिलता है?
बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, तुफान, कड़ी वर्षा आदि।
Q8. क्या ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य है?
हाँ, सभी आवेदन ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाते हैं।
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