भारत जैसे विकासशील देश में गरीबी एक बड़ी सामाजिक चुनौती रही है, और बिहार उन राज्यों में से एक है जहाँ गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता लंबे समय से प्रमुख समस्याएँ रही हैं। राज्य की एक बड़ी आबादी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जहाँ स्थायी आय और जीविकोपार्जन के साधन सीमित हैं।
इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने एक ऐसी योजना की शुरुआत की जो गरीब और वंचित परिवारों को स्थायी आय के साधन उपलब्ध कराए। इस योजना का नाम है — “बिहार सतत जीविकोपार्जन योजना” (Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana)।
यह योजना राज्य के सबसे गरीब और हाशिए पर रहने वाले परिवारों के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त पहल है। इसका उद्देश्य है कि कोई भी परिवार गरीबी की बेड़ियों में बंधा न रहे, बल्कि अपने श्रम और कौशल के बल पर सम्मानजनक जीवन जी सके।
1. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana का परिचय
Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana को बिहार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू किया गया है।
यह योजना राज्य के उन परिवारों को लक्षित करती है जो अत्यंत गरीब हैं, जिनकी आजीविका स्थायी नहीं है और जिनके पास नियमित आय का कोई स्रोत नहीं है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराना है ताकि वे अपनी आजीविका को स्थायी बना सकें।
सरकार ने इस योजना को जीविका परियोजना (JEEViKA) के माध्यम से लागू किया है, जो पहले से ही ग्रामीण महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से राज्यभर में सक्रिय है।
2. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana के उद्देश्य
- गरीब परिवारों को स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
- गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की सामाजिक स्थिति में सुधार लाना।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना।
- आत्म-सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से सामूहिक विकास को बढ़ावा देना।
3. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana की प्रमुख विशेषताएँ
- लक्षित समूह: अत्यंत गरीब परिवार, विशेषकर महिला प्रधान परिवार।
- वित्तीय सहयोग: परिवारों को आय-सृजन गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
- प्रशिक्षण और मार्गदर्शन: लाभार्थियों को प्रशिक्षण देकर कौशल विकास किया जाता है।
- सामुदायिक भागीदारी: योजना को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाता है।
- दीर्घकालिक निगरानी: प्रत्येक लाभार्थी की प्रगति पर निगरानी रखी जाती है ताकि स्थायी सफलता सुनिश्चित की जा सके।
4. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- बिहार में ऐसे हजारों परिवार हैं जिनके पास कोई नियमित आय का स्रोत नहीं है।
- वे मजदूरी पर निर्भर रहते हैं, और जब काम नहीं मिलता, तो भूख और गरीबी का सामना करते हैं।
- ऐसे परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक ऐसी योजना की आवश्यकता थी जो उन्हें स्थायी रोजगार दिला सके।
- इसलिए “सतत जीविकोपार्जन योजना” की शुरुआत की गई ताकि इन परिवारों को दीर्घकालिक सहायता मिल सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
5. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana के तहत कार्यान्वयन की प्रक्रिया
यह योजना “Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana” और “जीविका (JEEViKA)” के माध्यम से संचालित होती है।
ग्राम स्तर पर चयन, प्रशिक्षण, संसाधन वितरण और निगरानी की जिम्मेदारी स्थानीय समितियों और SHG समूहों को दी जाती है।
कार्यान्वयन प्रक्रिया निम्न चरणों में होती है:
- ग्राम सभा में गरीब परिवारों की पहचान।
- परिवारों का सर्वेक्षण और चयन।
- प्रशिक्षण एवं व्यवसाय योजना तैयार करना।
- वित्तीय सहायता और पशुधन या उपकरणों का वितरण।
- नियमित फॉलो-अप और निगरानी।
6.Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana से मिलने वाले लाभ
| क्रमांक | लाभ का प्रकार | विवरण |
| 1 | आर्थिक सहायता | परिवारों को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहयोग। |
| 2 | कौशल विकास प्रशिक्षण | पशुपालन, खेती, हस्तशिल्प, किराना आदि के लिए प्रशिक्षण। |
| 3 | स्वयं सहायता समूह से जुड़ाव | सामूहिक बचत और निवेश की सुविधा। |
| 4 | बाजार तक पहुंच | उत्पादों की बिक्री के लिए विपणन सहायता। |
| 5 | महिला सशक्तिकरण | महिलाओं को निर्णय लेने में भागीदारी और नेतृत्व का अवसर। |
| 6 | स्थायी आजीविका | दीर्घकालिक रूप से आय के स्थिर स्रोतों का निर्माण। |
7. पात्रता मानदंड
- बिहार का स्थायी निवासी होना आवश्यक।
- परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहा हो।
- परिवार की महिला सदस्य योजना में शामिल होने के लिए प्राथमिकता प्राप्त करती है।
- जिनके पास स्थायी रोजगार या आय का स्रोत नहीं है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य वंचित समुदायों को वरीयता।
8. आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- स्वयं सहायता समूह से जुड़ाव प्रमाण (यदि लागू हो)
9. आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- बिहार ग्रामीण विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- “सतत जीविकोपार्जन योजना” सेक्शन चुनें।
- आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करने के बाद रसीद प्राप्त करें।
- अधिकारी द्वारा सत्यापन और स्वीकृति के बाद सहायता राशि जारी की जाती है।
ऑफलाइन प्रक्रिया:
- लाभार्थी अपने नजदीकी ब्लॉक कार्यालय या जीविका समूह केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पत्र जमा करें।
10. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana के अंतर्गत वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण
इस योजना में लाभार्थियों को दो प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है:
- वित्तीय सहायता:
- छोटे व्यवसाय या पशुपालन के लिए ₹50,000 तक की सहायता।
- कुछ मामलों में अनुदान (Grant) के रूप में भी सहायता दी जाती है।
- छोटे व्यवसाय या पशुपालन के लिए ₹50,000 तक की सहायता।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम:
- व्यवसाय प्रबंधन, वित्तीय साक्षरता और तकनीकी प्रशिक्षण।
- उत्पाद विपणन और गुणवत्ता सुधार की जानकारी।
- महिलाओं को नेतृत्व और प्रबंधन प्रशिक्षण।
- व्यवसाय प्रबंधन, वित्तीय साक्षरता और तकनीकी प्रशिक्षण।
11. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana से जुड़ी सफलता की कहानियाँ
✨ 1. समस्तीपुर की रानी देवी की कहानी
रानी देवी, जो पहले दिहाड़ी मजदूरी करती थीं, ने जीविका समूह के माध्यम से सतत जीविकोपार्जन योजना में हिस्सा लिया। उन्हें ₹40,000 की सहायता से बकरी पालन शुरू करने का मौका मिला। आज वह प्रतिमाह ₹10,000 से अधिक की आय अर्जित कर रही हैं।
✨ 2. गया जिले की किरण कुमारी
किरण कुमारी ने सरकारी सहायता से सिलाई व्यवसाय शुरू किया। अब वह न केवल खुद आत्मनिर्भर हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं।
इन कहानियों से स्पष्ट है कि यह योजना बिहार की गरीब महिलाओं के लिए एक सशक्त परिवर्तन का माध्यम बन चुकी है।
12. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
- ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी में उल्लेखनीय कमी आई है।
- महिला सशक्तिकरण में बढ़ोतरी हुई है।
- परिवारों की आर्थिक स्थिति में स्थायित्व आया है।
- सामाजिक असमानता घट रही है।
- आत्म-सहायता समूहों की भूमिका ने सामुदायिक विकास को बढ़ावा दिया है।
13. Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana की चुनौतियाँ
- कई दूरस्थ इलाकों में जागरूकता की कमी।
- आवेदन प्रक्रिया में तकनीकी बाधाएँ।
- कुछ क्षेत्रों में प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी।
- वित्तीय संसाधनों का सीमित वितरण।
फिर भी, सरकार लगातार इन चुनौतियों को दूर करने की दिशा में कदम उठा रही है।
14. सुधार की संभावनाएँ
- डिजिटल आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना।
- अधिक से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पहुंच सुनिश्चित करना।
- महिला समूहों को विपणन और बैंकिंग से जोड़ना।
- योजना का प्रचार-प्रसार बढ़ाना ताकि अधिक लोग लाभ उठा सकें।

15. निष्कर्ष
“Bihar Satat Jeevikoparjan Yojana” गरीब और वंचित परिवारों के जीवन में स्थायी परिवर्तन लाने का एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि गरीब परिवारों के आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल है।
राज्य सरकार की यह नीति बिहार को एक ऐसे समाज की ओर ले जा रही है जहाँ गरीबी नहीं, बल्कि समृद्धि और स्वाभिमान का शासन होगा।
❓ सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. बिहार सतत जीविकोपार्जन योजना क्या है?
यह योजना बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई है जिसका उद्देश्य अत्यंत गरीब परिवारों को स्थायी आजीविका के साधन प्रदान करना है।
2. योजना का लाभ किन्हें मिलता है?
गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों, विशेषकर महिला प्रधान परिवारों को।
3. क्या महिलाएँ आवेदन कर सकती हैं?
हाँ, इस योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
4. आवेदन कैसे किया जाता है?
ऑनलाइन या ब्लॉक कार्यालय के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
5. योजना में कितनी सहायता मिलती है?
परिवारों को व्यवसाय शुरू करने हेतु ₹50,000 तक की वित्तीय सहायता दी जा सकती है।
6. क्या प्रशिक्षण भी दिया जाता है?
हाँ, लाभार्थियों को व्यवसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है।
7. योजना से अब तक क्या परिणाम मिले हैं?
हजारों परिवार आत्मनिर्भर बने हैं, महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
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