भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की अधिकांश जनसंख्या खेती पर निर्भर है। आधुनिक कृषि तकनीकों के आने के साथ रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग शुरू हुआ, जिससे भूमि की उर्वरता कम होने लगी और पर्यावरण भी प्रभावित हुआ। ऐसे में किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच जैविक खेती और जैविक खाद का महत्त्व तेजी से बढ़ा है। इसी कड़ी में सरकार द्वारा ‘Meghalaya Organic Manure Yojana’ की शुरुआत की गई है। यह योजना किसानों को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद अपनाने हेतु प्रोत्साहित करती है, जिससे पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ किसानों की उपज में भी सुधार हो सके।
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Meghalaya Organic Manure Yojana का उद्देश्य
‘Meghalaya Organic Manure Yojana‘ का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करना है ताकि:
- मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हो सके,
- पर्यावरण प्रदूषण कम हो,
- उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि हो,
- किसानों की आय बढ़ सके,
- दीर्घकालिक कृषि टिकाऊ हो सके।
जैविक खाद क्या है?
जैविक खाद वह उर्वरक होता है जो प्राकृतिक स्रोतों से तैयार किया जाता है जैसे कि गोबर, कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट, हरी खाद, हड्डी की खाद, नीम खली आदि। यह न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में सहायक होता है, बल्कि इसमें उपस्थित सूक्ष्मजीव मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
जैविक खाद योजना की विशेषताएँ
- सब्सिडी: सरकार किसानों को जैविक खाद खरीदने या उत्पादन करने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम: किसानों को जैविक खाद तैयार करने और उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
- वितरण केंद्र: ग्राम स्तर पर खाद वितरण केंद्र स्थापित किए जाते हैं।
- वित्तीय सहायता: खाद निर्माण इकाइयों की स्थापना हेतु किसानों, SHG (Self Help Groups) और FPO (Farmer Producer Organizations) को आर्थिक सहायता दी जाती है।
- प्रमाणीकरण: जैविक खेती के लिए प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं जिससे बाजार में उपज की कीमत बेहतर मिल सके।
Meghalaya Organic Manure Yojana का लाभ
- खेती की लागत में कमी आती है।
- मिट्टी की उर्वरता एवं जलधारण क्षमता में सुधार होता है।
- जैविक उत्पादों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
- किसान स्वस्थ उपज उगाते हैं, जिससे समाज में स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ती है।
- दीर्घकालिक रूप से कृषि टिकाऊ बनती है।
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
पात्रता:
- भारत का कोई भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकता है।
- किसान को खेती योग्य भूमि का स्वामित्व होना चाहिए।
- योजना के अंतर्गत पंजीकरण आवश्यक है।
दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- भूमि के दस्तावेज
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर

आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन: राज्य कृषि विभाग की वेबसाइट या भारत सरकार के ‘कृषि पोर्टल’ पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।
- ऑफलाइन आवेदन: नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या CSC केंद्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
Meghalaya Organic Manure Yojana से जुड़ी अन्य पहलें
- परमपरागत कृषि विकास योजना (PKVY): यह केंद्र सरकार की योजना है जो जैविक खेती को बढ़ावा देती है।
- राष्ट्रीय जैविक कृषि मिशन (MOVCDNER): पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए यह योजना चलाई जा रही है।
सफलता की कहानी: रामलाल की जैविक खेती
मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव के किसान रामलाल पहले रासायनिक खादों का उपयोग करते थे जिससे उनकी मिट्टी की गुणवत्ता दिन-ब-दिन गिरती जा रही थी। जब उन्होंने जैविक खाद योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण लिया और वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन शुरू किया, तो न सिर्फ उनकी फसल की गुणवत्ता सुधरी, बल्कि उन्हें बाज़ार में दोगुना दाम भी मिलने लगे। आज रामलाल न केवल खुद जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं बल्कि आसपास के किसानों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं।
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Meghalaya Organic Manure Yojana से अपेक्षित प्रभाव
- जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
- किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- खाद्यान्नों की गुणवत्ता बेहतर होगी।
- पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा
चुनौतियाँ
- किसानों की जागरूकता की कमी।
- प्रारंभिक वर्षों में उपज में अपेक्षाकृत कमी।
- जैविक उत्पादों के लिए बाजार की अनुपलब्धता।
- प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी की सीमित उपलब्धता।
समाधान
- सरकार को व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा।
- कृषि विभाग को गाँव स्तर पर कैम्प आयोजित करने होंगे।
- जैविक उत्पादों के लिए बाजार और एमएसपी निर्धारित करनी होगी।
- SHG और FPO के माध्यम से खाद उत्पादन को बढ़ावा देना होगा।
निष्कर्ष
Meghalaya Organic Manure Yojana भारत की कृषि प्रणाली में एक परिवर्तनकारी कदम है जो न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाती है। इस योजना से जुड़कर किसान न सिर्फ अपनी उपज का स्तर बढ़ा सकते हैं, बल्कि स्वस्थ समाज की ओर भी कदम बढ़ा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्र.1: Meghalaya Organic Manure Yojana का लाभ कौन उठा सकता है?
उत्तर: भारत का कोई भी किसान जो खेती करता है और जैविक खेती में रुचि रखता है, वह इस योजना का लाभ उठा सकता है।
प्र.2: क्या Meghalaya Organic Manure Yojana के तहत सब्सिडी मिलती है?
उत्तर: हाँ, सरकार जैविक खाद उत्पादन एवं क्रय हेतु सब्सिडी प्रदान करती है।
प्र.3: आवेदन कैसे करें?
उत्तर: आवेदन ऑनलाइन (राज्य कृषि पोर्टल) या ऑफलाइन (कृषि विभाग कार्यालय) के माध्यम से किया जा सकता है।
प्र.4: क्या योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण भी मिलता है?
उत्तर: हाँ, किसानों को जैविक खाद निर्माण और उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाता है।
प्र.5: क्या जैविक खाद उपयोग से उत्पादन में कमी आती है?
उत्तर: प्रारंभिक वर्षों में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ अत्यधिक होते हैं।