शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का मूल आधार होती है। जब तक हर बच्चा विद्यालय तक नहीं पहुँचता, तब तक विकास अधूरा रहता है। भारत जैसे विशाल देश में आज भी लाखों ऐसे विद्यार्थी हैं जिन्हें स्कूल जाने में दूरी और साधनों की कमी जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने एक अनूठी पहल की — “सबुज साथी योजना” (Sabuj Sathi Yojana)। इस योजना का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को स्कूल जाने की सुविधा देना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देना है।
“West Bengal Sabuj Sathi Yojana” का अर्थ है — “हरा साथी”, यानी वह साथी जो हरित जीवनशैली और शिक्षा दोनों की ओर प्रेरित करे। इस योजना के तहत राज्य सरकार विद्यार्थियों को निःशुल्क साइकिलें प्रदान करती है ताकि वे आसानी से स्कूल जा सकें और समय पर अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
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West Bengal Sabuj Sathi Yojana का परिचय
West Bengal Sabuj Sathi Yojana की शुरुआत वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा की गई थी। यह योजना राज्य सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप स्कीमों में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान कर उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करना है।
योजना का नाम “सबुज साथी” रखा गया क्योंकि यह योजना शिक्षा और पर्यावरण—दोनों को एक साथ जोड़ती है। साइकिलें हरे रंग की होती हैं, जो हरियाली और सतत विकास का प्रतीक हैं।
West Bengal Sabuj Sathi Yojana के उद्देश्य
West Bengal Sabuj Sathi Yojana के माध्यम से सरकार ने शिक्षा और समान अवसर की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- छात्रों को विद्यालय आने-जाने के लिए सरल और सुलभ साधन प्रदान करना।
- ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों की सहायता करना।
- शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाना और ड्रॉपआउट दर को घटाना।
- बालिकाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को सशक्त करना।
- पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देना — क्योंकि साइकिल एक शून्य-उत्सर्जन (zero emission) वाहन है।
- छात्रों में अनुशासन, समयबद्धता और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करना।
West Bengal Sabuj Sathi Yojana के प्रमुख लाभ
इस योजना ने राज्य के लाखों छात्रों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाया है। इसके कुछ मुख्य लाभ इस प्रकार हैं —
- निःशुल्क साइकिल वितरण: सरकार द्वारा छात्रों को बिना किसी शुल्क के साइकिल प्रदान की जाती है।
- शिक्षा तक आसान पहुँच: छात्रों को विद्यालय आने-जाने में समय और धन की बचत होती है।
- छात्राओं के लिए सुरक्षा और आत्मविश्वास: साइकिल मिलने से उन्हें स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की सुविधा मिलती है।
- पर्यावरणीय लाभ: पेट्रोल या डीजल की गाड़ियों की तुलना में साइकिल से प्रदूषण शून्य होता है।
- सामाजिक समानता: गरीब और अमीर सभी विद्यार्थियों को समान सुविधा प्राप्त होती है।
- आर्थिक प्रभाव: स्थानीय स्तर पर साइकिल निर्माण और वितरण से रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं।
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
| मानदंड | विवरण |
| लाभार्थी | कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्र/छात्राएँ |
| विद्यालय प्रकार | सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय |
| निवास स्थान | पश्चिम बंगाल राज्य के स्थायी निवासी |
| आर्थिक स्थिति | विशेष वर्ग की कोई बाध्यता नहीं; सभी योग्य विद्यार्थी लाभार्थी |
| दस्तावेज़ | आधार कार्ड, विद्यालय आईडी, निवास प्रमाण पत्र, फोटो आदि |
| साइकिल वितरण माध्यम | स्कूल प्रशासन एवं स्थानीय निकायों के सहयोग से |
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
सबुज साथी योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे पारदर्शिता और सरलता बनी रहती है।
आवेदन के चरण:
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ: https://wbsabujsathi.gov.in
- ‘Beneficiary’ सेक्शन में रजिस्ट्रेशन करें।
- विद्यालय का चयन करें और अपनी जानकारी दर्ज करें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन की पुष्टि करें और सबमिट करें।
- स्कूल प्रशासन द्वारा सत्यापन और लाभार्थी सूची तैयार की जाती है।
- योग्य विद्यार्थियों को साइकिल वितरण की सूचना दी जाती है।
ऑफ़लाइन प्रक्रिया:
कुछ विद्यालय अपने छात्रों के लिए सामूहिक आवेदन तैयार करते हैं, जिसे ब्लॉक या जिला शिक्षा कार्यालय में प्रस्तुत किया जाता है।

West Bengal Sabuj Sathi Yojana का संचालन और प्रबंधन
इस योजना को पश्चिम बंगाल के स्कूल शिक्षा विभाग (Department of School Education) और Backward Classes Welfare Department के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाता है।
- साइकिल निर्माण और वितरण की जिम्मेदारी सर्टिफाइड कंपनियों को दी जाती है।
- स्थानीय प्रशासन, पंचायत और स्कूल इस वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रैक किया जाता है।
- अब तक लाखों छात्रों को साइकिलें वितरित की जा चुकी हैं।
West Bengal Sabuj Sathi Yojana का प्रभाव (Impact of the Scheme)
सबुज साथी योजना का प्रभाव राज्य के शैक्षणिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर व्यापक रूप से देखा गया है।
शैक्षणिक प्रभाव:
- विद्यालय में उपस्थिति दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- ड्रॉपआउट दर में कमी आई।
- बालिकाओं की शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी।
- ग्रामीण छात्रों के लिए शिक्षा तक पहुँच आसान हुई।
सामाजिक प्रभाव:
- आत्मनिर्भरता की भावना में वृद्धि।
- साइकिल के माध्यम से बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान में सुधार।
- समाज में लैंगिक समानता की भावना को बल मिला।
पर्यावरणीय प्रभाव:
- कार्बन उत्सर्जन में कमी।
- “ग्रीन बंगाल” के लक्ष्य की दिशा में सशक्त कदम।
अब तक की उपलब्धियाँ (Achievements)
| वर्ष | लाभार्थी छात्रों की संख्या | वितरित साइकिलों की संख्या |
| 2015-16 | 20 लाख | 18.5 लाख |
| 2016-17 | 25 लाख | 23 लाख |
| 2017-18 | 30 लाख | 28 लाख |
| 2018-19 | 35 लाख | 33 लाख |
| 2019-20 | 40 लाख | 38 लाख |
| 2020-21 (COVID अवधि) | 15 लाख | 14 लाख |
| 2021-22 | 28 लाख | 27 लाख |
| 2022-23 | 32 लाख | 31 लाख |
| कुल मिलाकर | 2.25 करोड़ से अधिक विद्यार्थी | 2.12 करोड़ साइकिलें वितरित |
यह आँकड़े दर्शाते हैं कि यह योजना देश की सबसे बड़ी साइकिल वितरण योजनाओं में से एक है।
अन्य राज्यों की समान योजनाएँ
भारत के अन्य राज्यों ने भी इसी दिशा में कई योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे —
| राज्य | योजना का नाम | मुख्य उद्देश्य |
| बिहार | मुख्यमंत्री बालक/बालिका साइकिल योजना | छात्र-छात्राओं को स्कूल पहुँचाने में सहायता |
| मध्य प्रदेश | साइकिल वितरण योजना | ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए परिवहन सुविधा |
| तमिलनाडु | फ्री बाइसिकल स्कीम | गरीब छात्रों के लिए शिक्षा सुलभ बनाना |
| हरियाणा | बेटी पढ़ाओ साइकिल योजना | बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देना |
इन सभी योजनाओं में पश्चिम बंगाल की “सबुज साथी योजना” सबसे विस्तृत और पर्यावरण-उन्मुख मानी जाती है।
सफलता की कहानियाँ (Success Stories)
- मालदा जिले की छात्रा सुष्मिता मंडल बताती हैं कि साइकिल मिलने के बाद अब उन्हें रोज़ 6 किमी पैदल चलने की जरूरत नहीं होती। उनकी पढ़ाई नियमित हो गई है और वे अब उच्च शिक्षा का सपना देख रही हैं।
- दक्षिण 24 परगना के अरिजीत पाल कहते हैं कि साइकिल ने न केवल समय बचाया, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाया। अब वे स्कूल के अलावा कोचिंग भी जा पाते हैं।
- नदिया जिले की सबुज साथी परियोजना ने बालिकाओं के ड्रॉपआउट रेट को 30% से घटाकर 10% तक कर दिया है — यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
चुनौतियाँ और सुधार की संभावनाएँ
हालाँकि योजना अत्यंत सफल रही है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ सामने आई हैं —
- साइकिल की गुणवत्ता और रखरखाव से जुड़ी शिकायतें।
- कुछ क्षेत्रों में वितरण में देरी।
- बालकों और बालिकाओं के बीच वितरण में असमानता।
- रखरखाव और मरम्मत केंद्रों की कमी।
सुधार के सुझाव:
- साइकिल मरम्मत केंद्रों की स्थापना हर ब्लॉक स्तर पर की जाए।
- लाभार्थियों के लिए मोबाइल ऐप के माध्यम से स्थिति ट्रैकिंग की सुविधा हो।
- स्कूलों में “ग्रीन क्लब” बनाए जाएँ ताकि विद्यार्थी पर्यावरण के प्रति जागरूक हों।
- योजना में इलेक्ट्रिक साइकिलों का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाए।

निष्कर्ष
West Bengal Sabuj Sathi Yojana केवल एक साइकिल वितरण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, समानता और पर्यावरणीय चेतना का संगम है। इस योजना ने लाखों विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाया है, विशेष रूप से ग्रामीण बालिकाओं के लिए यह आत्मनिर्भरता की ओर एक सशक्त कदम सिद्ध हुई है।
यह पहल दर्शाती है कि जब सरकार शिक्षा और पर्यावरण दोनों को प्राथमिकता देती है, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन अवश्य होता है।
वास्तव में, सबुज साथी योजना पश्चिम बंगाल की “हरित शिक्षा क्रांति” का प्रतीक बन चुकी है।
❓ सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. सबुज साथी योजना क्या है?
यह पश्चिम बंगाल सरकार की एक पहल है जिसके तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क साइकिल प्रदान की जाती है ताकि वे आसानी से विद्यालय जा सकें।
2. इस योजना का लाभ किन्हें मिलता है?
राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थी, जो कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत हैं।
3. आवेदन कहाँ किया जा सकता है?
आवेदन https://wbsabujsathi.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन किया जा सकता है।
4. क्या यह योजना बालिकाओं के लिए भी है?
हाँ, बालिकाएँ भी इस योजना की समान रूप से लाभार्थी हैं।
5. अब तक कितने विद्यार्थियों को साइकिलें वितरित की गई हैं?
अब तक लगभग 2.12 करोड़ साइकिलें राज्यभर में वितरित की जा चुकी हैं।
6. क्या यह योजना पर्यावरण से जुड़ी है?
हाँ, यह योजना “ग्रीन बंगाल” पहल का हिस्सा है जो साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देकर प्रदूषण घटाने में सहायक है।
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