भारत में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और शहरी गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा समय-समय पर अनेक योजनाएं चलाई जाती रही हैं। इन्हीं में से एक है E-Thela Assistance Yojana, जो परंपरागत ठेला विक्रेताओं को डिजिटल साधनों से सशक्त बनाकर उन्हें एक नए युग की ओर अग्रसर करती है। यह योजना न केवल रोजगार उपलब्ध कराती है, बल्कि स्ट्रीट वेंडर्स को एक सम्मानजनक और सुरक्षित आजीविका का साधन भी प्रदान करती है।
Table of Contents
E-Thela Assistance Yojana क्या है?
“E-Thela Assistance Yojana” शब्द का तात्पर्य है – इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल सहायता से युक्त ठेला। यह पारंपरिक ठेले का ही आधुनिक रूप है, जिसमें डिजिटल भुगतान, सौर ऊर्जा, जीपीएस ट्रैकिंग, लाउडस्पीकर, लाइट्स, छत और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। इसका उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है ताकि वे बाजार की प्रतिस्पर्धा में टिके रह सकें।
E-Thela Assistance Yojana का उद्देश्य
E-Thela Assistance Yojana सहायता योजना के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- शहरी गरीबों और स्ट्रीट वेंडर्स को रोजगार के साधन उपलब्ध कराना।
- ठेला विक्रेताओं को डिजिटल इंडिया अभियान से जोड़ना।
- स्वरोजगार को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान देना।
- स्ट्रीट वेंडिंग को एक संगठित और सुरक्षित कार्यक्षेत्र में बदलना।
E-Thela Assistance Yojana के प्रमुख लाभ
- आर्थिक सहायता: पात्र लाभार्थियों को ई-ठेला खरीदने के लिए सब्सिडी या कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
- डिजिटल प्रशिक्षण: लाभार्थियों को UPI, QR कोड, डिजिटल भुगतान प्रणाली आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- आधुनिक सुविधाएं: ई-ठेले में एलईडी लाइट्स, बैटरी बैकअप, सौर पैनल, डिजिटल स्क्रीन, जीपीएस आदि जैसी आधुनिक सुविधाएं होती हैं।
- सुरक्षा: ठेले में सीसीटीवी कैमरा, ट्रैकर और स्मार्ट लॉक की सुविधा भी दी जाती है जिससे विक्रेता और ग्राहक दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
- प्रचार-प्रसार: ई-ठेले के माध्यम से सरकारी योजनाओं और जनजागरूकता अभियानों का प्रचार भी किया जा सकता है।
पात्रता मानदंड
E-Thela Assistance Yojana सहायता योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:
- आवेदक भारत का नागरिक हो।
- उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
- वह पहले से कोई व्यवसाय नहीं कर रहा हो या ठेले से ही रोजगार कर रहा हो।
- उसका नाम शहरी स्थानीय निकाय द्वारा प्रमाणित स्ट्रीट वेंडर की सूची में हो (जहाँ लागू हो)।
- बैंक खाता और आधार कार्ड अनिवार्य हो।
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी या अन्य पहचान पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
- स्ट्रीट वेंडर सर्टिफिकेट (यदि उपलब्ध हो)
- आय प्रमाण पत्र (यदि माँगा जाए)

आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन:
- राज्य या केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा।
- राज्य या केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरें।
- ऑफलाइन आवेदन:
- निकटतम नगर निगम/नगर पालिका कार्यालय में जाकर फॉर्म प्राप्त करें।
- उसे भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ जमा करें।
- अधिकारियों द्वारा जांच के बाद पात्र पाए जाने पर योजना का लाभ प्रदान किया जाता है।
- निकटतम नगर निगम/नगर पालिका कार्यालय में जाकर फॉर्म प्राप्त करें।
Read more: Chhattisgarh Asangathit Karmakaar Silai Machine Sahayata Yojana: श्रमिकों के लिए आर्थिक सहयोग
E-Thela Assistance Yojana के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाएं
सुविधा | विवरण |
ई-ठेला | सौर पैनल, लाइट, डिजिटल पेमेंट सिस्टम सहित |
आर्थिक सहायता | ₹10,000 से ₹25,000 तक सब्सिडी या लोन |
प्रशिक्षण | डिजिटल भुगतान, ग्राहक सेवा, व्यवसाय प्रबंधन |
ब्रांडिंग | विशेष रंग, स्लोगन, योजना का लोगो |
प्रचार सामग्री | पोस्टर, पंपलेट्स, ऑडियो सिस्टम |
E-Thela Assistance Yojana की चुनौतियाँ
हालांकि यह योजना बेहद उपयोगी है, फिर भी इसे लागू करने में कुछ समस्याएँ आती हैं:
- साक्षरता की कमी: अनेक स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटल साधनों के उपयोग में सहज नहीं हैं।
- तकनीकी समस्या: बैटरी चार्जिंग, नेटवर्क की उपलब्धता आदि कभी-कभी बाधा बनती हैं।
- लाभार्थी चयन में पारदर्शिता: कई बार वास्तविक पात्रता वाले लोग योजना से वंचित रह जाते हैं।
- आर्थिक अनियमितताएं: कुछ मामलों में ऋण वितरण में भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आती हैं।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर अधिक से अधिक वेंडर्स को डिजिटल तकनीक से जोड़ा जा रहा है।
- मोबाइल एप्स विकसित किए गए हैं जिससे वेंडर्स आसानी से भुगतान स्वीकार कर सकें।
- समय-समय पर निगरानी और मूल्यांकन किया जाता है कि योजना सही ढंग से कार्यान्वित हो रही है या नहीं।
सफलता की कहानियाँ
1. रामु भाई की कहानी – दिल्ली
रामु भाई पहले सब्जी बेचने के लिए एक पुराने ठेले का इस्तेमाल करते थे। डिजिटल भुगतान की जानकारी न होने के कारण वे कई बार ग्राहक खो देते थे। ई-ठेला योजना से जुड़ने के बाद उन्होंने आधुनिक ठेला प्राप्त किया जिसमें QR कोड की सुविधा थी। अब उनके ग्राहक भी बढ़े हैं और आय भी दोगुनी हो गई है।
2. मीना देवी – लखनऊ
मीना देवी को योजना के तहत ठेला मिला और साथ में प्रशिक्षण भी। अब वह अपनी छोटी सी चाय की दुकान डिजिटल पेमेंट से चलाती हैं और महिला स्व-सहायता समूह में भी सक्रिय हैं।
E-Thela Assistance Yojana और आत्मनिर्भर भारत
यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “आत्मनिर्भर भारत अभियान” का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उद्देश्य भारत के अंतिम नागरिक तक डिजिटल और आर्थिक सशक्तिकरण पहुँचाना है। जब एक स्ट्रीट वेंडर डिजिटल पेमेंट ले सकता है, बैंक से ऋण ले सकता है, और सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकता है, तो यह देश की प्रगति का प्रतीक बन जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्र.1: ई-ठेला योजना किसके लिए है?
उत्तर: यह योजना मुख्यतः शहरी स्ट्रीट वेंडर्स, स्वरोजगार चाहने वाले गरीबों और ठेले से व्यवसाय करने वालों के लिए है।
प्र.2: क्या इस योजना में सब्सिडी मिलती है?
उत्तर: हाँ, कुछ राज्यों में 25% से 50% तक सब्सिडी दी जाती है और कुछ मामलों में कम ब्याज दर पर लोन भी उपलब्ध है।
प्र.3: आवेदन करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?
उत्तर: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, फोटो, स्ट्रीट वेंडर सर्टिफिकेट (जहाँ आवश्यक हो), और निवास प्रमाण पत्र जरूरी होते हैं।
प्र.4: ई-ठेले की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: इसमें सौर ऊर्जा आधारित लाइट, डिजिटल पेमेंट सिस्टम, QR कोड, जीपीएस, ऑडियो सिस्टम, और कवर शेड जैसी सुविधाएं होती हैं।
प्र.5: आवेदन कैसे करें?
उत्तर: आप राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या निकटतम नगर निगम कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
E-Thela Assistance Yojana न केवल एक योजना है, बल्कि यह भारत के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक नई पहचान है। यह योजना उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है। यदि सही तरीके से इसका क्रियान्वयन किया जाए, तो यह योजना लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।