भारत विविधता का देश है, जहाँ हर राज्य अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कलाओं के लिए प्रसिद्ध है। हरियाणा भी ऐसी ही समृद्ध सांस्कृतिक पहचान रखता है। यहाँ के शिल्पकार और कलाकार सदियों से अपनी कला के माध्यम से संस्कृति को जीवित रखते आए हैं।
हालांकि आधुनिकता और तकनीकी विकास के इस दौर में पारंपरिक कलाओं की मांग में गिरावट आई है, जिससे शिल्पकारों के समक्ष जीविकोपार्जन का संकट उत्पन्न हुआ। इसी चुनौती को समझते हुए हरियाणा सरकार ने ‘हरियाणा शिल्पी समृद्धि योजना’ की शुरुआत की है। यह Haryana Shilpi Samridhi Yojana राज्य के पारंपरिक शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और बाजार उपलब्ध करवाकर उन्हें सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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Shilpi Samridhi Yojana का उद्देश्य
‘Haryana Shilpi Samridhi Yojana’ का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और हस्तशिल्प कलाकारों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है।
इसके अंतर्गत:
- शिल्पकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना।
- आधुनिक डिजाइनों और तकनीकों का प्रशिक्षण देना।
- शिल्प कला को संरक्षण और बढ़ावा देना।
यह Haryana Shilpi Samridhi Yojana न केवल कलाकारों को आजीविका का साधन उपलब्ध कराती है, बल्कि हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करती है।
Shilpi Samridhi Yojana की मुख्य विशेषताएँ
1. आर्थिक सहायता
हरियाणा सरकार पात्र शिल्पकारों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह सहायता उनके व्यवसाय को बढ़ाने, कच्चे माल की खरीद और उत्पाद तैयार करने के लिए दी जाती है।
2. प्रशिक्षण एवं कार्यशालाएँ
सरकार द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इनमें शिल्पकारों को नवीनतम तकनीक, डिजाइन, विपणन कौशल और उद्यमिता का प्रशिक्षण दिया जाता है।
3. विपणन सहायता
सरकार शिल्प मेलों, प्रदर्शनियों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से शिल्पकारों को उनके उत्पादों के लिए बड़े बाजार उपलब्ध कराती है। इससे उनकी आमदनी में वृद्धि होती है और उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए नए ग्राहक मिलते हैं।
4. पहचान पत्र एवं प्रमाणन
योजना के तहत पात्र शिल्पकारों को पहचान पत्र और प्रमाणन प्रदान किया जाता है, जिससे वे विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
5. ऋण सुविधा
सरकार बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से शिल्पकारों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराती है। इससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं।
पात्रता मानदंड
हरियाणा शिल्पी समृद्धि योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- आवेदक हरियाणा राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक किसी पारंपरिक शिल्प या हस्तशिल्प से जुड़ा होना चाहिए।
- न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक के पास शिल्पकारी का अनुभव अथवा प्रशिक्षण होना चाहिए।
- सरकार द्वारा निर्धारित अन्य आवश्यकताओं को भी पूरा करना अनिवार्य है।
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आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन:
- हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करें।
- “हरियाणा शिल्पी समृद्धि योजना” के विकल्प पर क्लिक करें।
- आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- सबमिट बटन दबाकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें।
ऑफलाइन आवेदन:
- संबंधित जिला उद्योग केंद्र (DIC) में जाकर आवेदन पत्र प्राप्त करें।
- सभी जानकारियाँ भरें और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- संबंधित अधिकारी के समक्ष फॉर्म जमा करें।
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- निवासी प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- शिल्पकारी से संबंधित अनुभव प्रमाण पत्र या प्रशिक्षण प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो

Haryana Shilpi Samridhi Yojana से होने वाले लाभ
- आर्थिक स्थिरता और आजीविका का सशक्त साधन।
- पारंपरिक कलाओं का संरक्षण।
- नई तकनीकों के माध्यम से शिल्प में नवाचार।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा।
- युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर।
चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ:
- ग्रामीण इलाकों में योजना की जानकारी का अभाव।
- डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण ऑनलाइन आवेदन में कठिनाई।
- बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते उत्पादों की बिक्री में दिक्कत।
समाधान:
- व्यापक प्रचार-प्रसार और जनजागरूकता अभियान।
- डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन।
- सरकारी स्तर पर स्थायी विपणन प्लेटफॉर्म तैयार करना।
सरकार की अन्य सहायक पहलें
हरियाणा सरकार शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों के लिए कई अन्य योजनाएँ भी संचालित कर रही है, जैसे:
- मुख्यमंत्री उद्यम प्रोत्साहन योजना।
- हरियाणा हस्तशिल्प विकास बोर्ड।
- कौशल विकास कार्यक्रम।
इन योजनाओं के समन्वय से शिल्पकारों को और अधिक लाभ मिल सकता है।
निष्कर्ष
‘Haryana Shilpi Samridhi Yojana’ पारंपरिक कला और शिल्प को पुनर्जीवित करने का एक क्रांतिकारी प्रयास है। यह योजना न केवल शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत को भी अक्षुण्ण रखने में मदद करती है।
अगर सही तरीके से इस योजना का प्रचार-प्रसार और क्रियान्वयन किया जाए, तो यह हरियाणा को हस्तशिल्प के क्षेत्र में राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिला सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: Haryana Shilpi Samridhi Yojana किसके लिए है?
उत्तर: यह योजना हरियाणा राज्य के पारंपरिक शिल्पकारों और हस्तशिल्प कलाकारों के लिए है।
प्रश्न 2: Haryana Shilpi Samridhi Yojana के तहत कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?
उत्तर: सहायता राशि अलग-अलग परियोजनाओं के आधार पर तय की जाती है। सामान्यतः कच्चे माल की खरीद, व्यवसाय विस्तार और विपणन में सहयोग के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
प्रश्न 3: आवेदन करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
उत्तर: आधार कार्ड, निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, शिल्पकारी अनुभव प्रमाणपत्र और पासपोर्ट साइज फोटो आवश्यक हैं।
प्रश्न 4: क्या Haryana Shilpi Samridhi Yojana के तहत ऋण भी उपलब्ध है?
उत्तर: हाँ, सरकार बैंक और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से शिल्पकारों को कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा भी प्रदान करती है।
प्रश्न 5: Haryana Shilpi Samridhi Yojana का लाभ कैसे मिलेगा?
उत्तर: योजना का लाभ पाने के लिए पात्रता मानदंड पूरे कर ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना अनिवार्य है।
प्रश्न 6: Haryana Shilpi Samridhi Yojana से जुड़ी जानकारी कैसे प्राप्त करें?
उत्तर: हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट, जिला उद्योग केंद्र या स्थानीय पंचायत कार्यालयों से योजना की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।