NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme 2025 छोटे उद्योगों को टेंडर में सहायता
NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme 2025

NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme 2025: छोटे उद्योगों को टेंडर में सहायता

भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। यह न केवल रोजगार का प्रमुख स्रोत है, बल्कि देश के औद्योगिक उत्पादन, निर्यात और नवाचार में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। इन्हीं उद्यमों को बढ़ावा देने और उन्हें मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने के उद्देश्य से भारत सरकार ने राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) के माध्यम से NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme 2025 की शुरुआत की है।

यह योजना विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSEs) के लिए तैयार की गई है ताकि वे सरकारी और निजी क्षेत्र की निविदाओं (Tenders) में भाग लेकर अपने व्यवसाय को एक नई ऊँचाई पर ले जा सकें।

NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme का उद्देश्य

  • MSEs को प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में सशक्त बनाना।
  • उनके उत्पादों और सेवाओं को बाज़ार में बेहतर अवसर प्रदान करना।
  • निविदाओं में भाग लेने की प्रक्रिया को आसान बनाना।
  • समान प्रकार के उत्पाद बनाने वाली इकाइयों का एक संघ बनाकर उन्हें बड़े ऑर्डर प्राप्त करने में सक्षम बनाना।
  • उन्हें कच्चे माल, वित्त और विपणन में सहायता प्रदान करना।

NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme की पृष्ठभूमि

इस योजना की शुरुआत वर्ष 2011 में “संघ और निविदा विपणन योजना” के रूप में हुई थी। इसका उद्देश्य MSEs को अकेले या सामूहिक रूप से अपनी सेवाओं/उत्पादों का विपणन करने में सहायता करना है। यह योजना NSIC की Single Point Registration Scheme (SPRS) से जुड़ी इकाइयों को विभिन्न सरकारी और निजी टेंडरों में भाग लेने के लिए सक्षम बनाती है।

NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme की प्रमुख विशेषताएं

  1. पंजीकरण पात्रता:
    • MSEs जो NSIC की SPRS योजना के तहत पंजीकृत हैं।
    • वे इकाइयाँ जिन्होंने SPRS के तहत आवेदन कर दिया है और दस्तावेज़ जमा किए हैं।
  2. फैक्ट्री निरीक्षण:
    टेंडर भरने से पहले इकाइयों का निरीक्षण किया जाएगा ताकि उनकी वास्तविक क्षमता का आकलन किया जा सके।
  3. संघ निर्माण की सुविधा:
    • समान उत्पाद बनाने वाली इकाइयाँ एक संघ के रूप में कार्य कर सकती हैं।
    • इससे उन्हें थोक ऑर्डर प्राप्त करने, संसाधनों का साझा उपयोग करने और लागत कम करने में मदद मिलती है।
  4. आर्थिक सहायता:
    • अग्रिम जमा राशि (EMD) और प्रतिभूति जमा की आवश्यकता को NSIC पूरा करता है।
    • क्रेडिट सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
  5. सेवा शुल्क में रियायत:
    • व्यक्तिगत इकाई: 2.5% (GST से पहले)
    • संघ के रूप में: 2% (GST से पहले)
  6. सूचीकरण शुल्क: श्रेणीवार्षिक/नवीनीकरण शुल्क (GST अतिरिक्त)SPRS सीमा ₹1 करोड़ तक₹1000₹1 करोड़ से ₹5 करोड़₹2500₹5 करोड़ से अधिक₹5000SC/ST उद्यमीशून्य शुल्कसंघ निर्माण/नवीकरणकोई शुल्क नहीं

पात्रता मापदंड

  • इकाई NSIC की SPRS योजना में पंजीकृत हो या आवेदन किया हो।
  • टेंडर भरने से पहले फैक्ट्री का निरीक्षण आवश्यक है।
  • बिना मूल्य संवर्धन के व्यापारिक इकाइयाँ इस योजना में शामिल नहीं होंगी

NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme का लाभ

  • सरकारी एवं निजी टेंडरों में भागीदारी का अवसर।
  • बड़े और थोक ऑर्डर प्राप्त करने की क्षमता।
  • सेवा शुल्क में रियायत।
  • EMD/SD में सहायता।
  • क्रेडिट और कच्चे माल की सुविधा।
  • क्षमता के अनुसार ऑर्डर का वितरण।
  • व्यक्तिगत और सामूहिक रूप में मार्केटिंग सहयोग।

आवेदन प्रक्रिया (ऑफलाइन)

चरण 1:
उपयुक्त प्रारूप (अनुलग्नक A और A-1) में आवेदन भरें। आवेदन में कंपनी/फर्म/सोसायटी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं।

चरण 2:
सभी आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करें।

चरण 3:
आवेदन पत्र संबंधित NSIC शाखा कार्यालय में जमा करें।

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आवश्यक दस्तावेज

  • पासपोर्ट साइज़ फोटो (प्रत्येक निदेशक/साझेदार का)
  • आवास प्रमाण पत्र
  • GP पंजीकरण प्रमाणपत्र की सेल्फ-अटेस्टेड कॉपी
  • पावर ऑफ अटॉर्नी / बोर्ड प्रस्ताव / सोसायटी प्रस्ताव
  • बैंक द्वारा सत्यापित हस्ताक्षर
  • सप्लाई ऑर्डर की प्रतियाँ
  • सूचीकरण शुल्क का भुगतान प्रमाण

कुल सीमा तय करने का तरीका

टेंडर में भाग लेने की अधिकतम सीमा निम्न में से अधिकतम मान के अनुसार तय की जाएगी:

  1. SPRS में निर्धारित सीमा का 300%
  2. पिछले वित्तीय वर्ष का टर्नओवर (audited/CA प्रमाणित)
  3. चालू वर्ष में टर्नओवर बढ़ने की स्थिति में वही मान

संघ के लिए सीमा निर्धारण

संघ के रूप में कार्यरत इकाइयों की संयुक्त सीमा तय की जाएगी। यह सीमा एक वर्ष तक वैध रहेगी और सालाना समीक्षा/नवीकरण किया जाएगा।

सरकारी नीति सहयोग

भारत सरकार ने 23 मार्च 2012 को MSEs के लिए Public Procurement Policy 2012 लागू की, जिसमें कहा गया है कि सरकारी खरीद में MSEs को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें NSIC द्वारा बनाए गए संघों को भी सम्मिलित किया गया है।

NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme की भूमिका

  • नए संघों का निर्माण
  • मौजूदा संघों की निगरानी
  • टेंडर प्रक्रियाओं में सहयोग
  • आवश्यक दस्तावेजों का सरलीकरण
  • प्रशिक्षण और मार्गदर्शन

महत्वपूर्ण तिथियाँ

विवरणतिथि
आवेदन करने की अंतिम तिथिजल्द अपडेट होगी
त्रुटि सुधार की अंतिम तिथिजल्द अपडेट होगी
सत्यापन की अंतिम तिथिजल्द अपडेट होगी

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या व्यापारिक इकाइयाँ इस योजना के अंतर्गत आ सकती हैं?

नहीं, केवल वे इकाइयाँ जो मूल्य संवर्धन करती हैं और उत्पादन से जुड़ी हैं, वही पात्र होंगी।

SPRS पंजीकरण के बिना क्या आवेदन किया जा सकता है?

हाँ, आवेदन किया जा सकता है लेकिन टेंडर भरने से पहले SPRS पंजीकरण और फैक्ट्री निरीक्षण अनिवार्य होगा।

EMD/SD में छूट कैसे मिलेगी?

NSIC आवश्यकतानुसार अग्रिम जमा राशि और प्रतिभूति जमा का प्रबंध करेगा।

संघ में शामिल होने के क्या लाभ हैं?

सेवा शुल्क में 0.5% की रियायत, बड़े ऑर्डर में भागीदारी, संयुक्त विपणन और क्रेडिट सुविधा।

आवेदन की प्रक्रिया क्या ऑनलाइन भी है?

फिलहाल प्रक्रिया ऑफलाइन ही है, लेकिन भविष्य में ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।

निष्कर्ष

NSIC Consortia and Tender Marketing Scheme 2025 सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए एक अत्यंत लाभकारी योजना है जो उन्हें संगठित तरीके से सरकारी और निजी टेंडरों में भाग लेने में सहायता प्रदान करती है। इससे न केवल उनके व्यवसाय को विस्तार मिलेगा, बल्कि उन्हें वित्त, विपणन, कच्चा माल और तकनीकी सहायता जैसी कई सुविधाएँ भी प्राप्त होंगी। यह योजना भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

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