ओडिशा का हथकरघा उद्योग सदियों से प्रचलित रहा है। जिलों जैसे कटक, बालासोर, कालाहांडी इत्यादि में पारंपरिक वस्त्र जैसे हाबासपुरी साड़ी आदि तैयार होते हैं, जिनमें जबरदस्त लोकशैली, शिल्पकला और सांस्कृतिक पहचान निहित है ।
लेकिन पिछली कुछ दशकों में बदलती अर्थव्यवस्था, कच्चे माल व बाज़ार की चुनौतियों ने हस्तशिल्पी बुनकर वर्ग को आर्थिक संकट से दो-चार कर दिया। इसी विरोधाभास को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने हथकरघा संवर्द्धन सहायता Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana (HSS) की शुरुआत की, जिसका ओडिशा में भी व्यापक असर दिखा।
Table of Contents
🎯 Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
पृष्ठभूमि:
- प्रारंभ: 7 अगस्त 2016 को “राष्ट्रीय हथकरघा दिवस” पर केंद्रीय मंत्री द्वारा इसकी घोषणा की गयी ।
- रूढ़िवादी चुनौतियाँ: पारंपरिक हथकरघा द्वारा उत्पादित वस्तुओं की गुणवत्ता एवं उत्पादकता गिरने लगी थी, जिससे आय घट रही थी।
उद्देश्य:
- टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन – आधुनिक उपकरणों के माध्यम से उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार।
- आय और रोजगार सृजन – बुनकरों को बेहतर मुनाफा दिला कर जीवन स्तर सुधारना।
- कुशलता व बाजार में प्रतिस्पर्धा – आधुनिक प्रविधियों से तैयार वस्त्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक्री योग्य बनते हैं।
- परम्परा और नवप्रवर्तन का संगम – हथकरघा की पारंपरिक विरासत को आधुनिक तकनीकों के साथ जीवित रखना।
💡 Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana की मुख्य विशेषताएँ
- सब्सिडी संरचना
- टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने पर 90% वित्तीय सहायता केंद्र सरकार द्वारा और 10% स्वयं बुनकर द्वारा योगदान myscheme.gov.in।
- टेक्नोलॉजी अपग्रेड करने पर 90% वित्तीय सहायता केंद्र सरकार द्वारा और 10% स्वयं बुनकर द्वारा योगदान myscheme.gov.in।
- कवर किए जाने योग्य उपकरण reddit.com+10indiafilings.com+10myscheme.gov.in+10:
- मोटरयुक्त जैक्वार्ड सिस्टम, डॉबी मशीन, फ्रेम लूम (>60″), वॉर्प beam, आसु मशीन, क्यूकस्टिंग किट व अन्य एक्सेसरीज़।
- मोटरयुक्त जैक्वार्ड सिस्टम, डॉबी मशीन, फ्रेम लूम (>60″), वॉर्प beam, आसु मशीन, क्यूकस्टिंग किट व अन्य एक्सेसरीज़।
- परियोजना–आधारित कार्यान्वयन
- वीनर सर्विस सेंटर (WSC) एवं राज्य-स्तरीय कार्यसमिति के माध्यम से प्रस्ताव अनुमोदन, गुणवत्ता नियंत्रण और निगरानी।
- वीनर सर्विस सेंटर (WSC) एवं राज्य-स्तरीय कार्यसमिति के माध्यम से प्रस्ताव अनुमोदन, गुणवत्ता नियंत्रण और निगरानी।
- कैम्प के आयोजन
- विक्रेता द्वारा डेमो व नमूने प्रस्तुत करने हेतु ‘कैंप’ आयोजित किए जाते हैं, जहां बुनकर उपकरणों का चयन व नामांकन करते हैं reddit.com+15indiafilings.com+15handloom.odisha.gov.in+15।
- विक्रेता द्वारा डेमो व नमूने प्रस्तुत करने हेतु ‘कैंप’ आयोजित किए जाते हैं, जहां बुनकर उपकरणों का चयन व नामांकन करते हैं reddit.com+15indiafilings.com+15handloom.odisha.gov.in+15।
- निगरानी और सत्यापन प्रक्रिया
- उपकरणों के सही इंस्टालेशन की पुष्टि WSC और NHDC (या राज्य निदेशालय) द्वारा 7 कार्यदिवस में की जाती है। गुणवत्ता में कमी होने पर सुधारात्मक कार्रवाई भी होती है indiafilings.com।
- उपकरणों के सही इंस्टालेशन की पुष्टि WSC और NHDC (या राज्य निदेशालय) द्वारा 7 कार्यदिवस में की जाती है। गुणवत्ता में कमी होने पर सुधारात्मक कार्रवाई भी होती है indiafilings.com।
- प्रशासकीय शुल्क
- राष्ट्रीय और राज्य हाथकरघा विकास निगम (NHDC/WSC) 1–2% प्रशासकीय शुल्क वसूलते हैं myscheme.gov.inreddit.com+2indiafilings.com+2reddit.com+2।
- राष्ट्रीय और राज्य हाथकरघा विकास निगम (NHDC/WSC) 1–2% प्रशासकीय शुल्क वसूलते हैं myscheme.gov.inreddit.com+2indiafilings.com+2reddit.com+2।
🧩 Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana की कार्य-प्रणाली (फेजबायफेज)
- जागरूकता और आमंत्रण:
सरकारी टेलीविजन, रेडियो, ग्राम मेलों में जानकारी का प्रसार; WSC द्वारा पर्यवेक्षण। - कैंप संचालन:
बुनकरों के सामने उपकरण प्रदर्शित, तुलना और फैसला। - आवेदन और चयन:
दस्तावेज़ जैसे आधार, बुनकर/पेंशन कार्ड, फोटो जमा कर उपकरण हेतु आवेदन। - 10% उपहार राशि जमा कर सब्सिडी प्राप्ति:
उपकरण क्रय हेतु स्वयं का अंश भुगतान करके लाभार्थी सब्सिडी का दावा करता है। - प्रत्यक्ष भुगतान:
सब्सिडी राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है reddit.com। - इंस्टालेशन और निरीक्षण:
उपकरण इंस्टॉल होने के 7 दिनों में निरीक्षा करके फीडबैक। - रिपोर्ट एवं रेखा निगरानी:
WSC परियोजना प्रगति रिपोर्ट तैयार करता है और NHDC को भेजता है।
🏛️ ओडिशा में योजनायें और समर्थन
- राज्य उद्यम और निर्देशालय
- ओडिशा सरकार के Handlooms, Textiles & Handicrafts विभाग ने संपन्नता बढ़ाने हेतु NHDP, कार्यशेड/हाउसिंग स्कीम, बुनकर बीमा आदि योजनाएं लागू की हैं sadhacodisha.org+5textiles.odisha.gov.in+5handloom.odisha.gov.in+5।
- ओडिशा सरकार के Handlooms, Textiles & Handicrafts विभाग ने संपन्नता बढ़ाने हेतु NHDP, कार्यशेड/हाउसिंग स्कीम, बुनकर बीमा आदि योजनाएं लागू की हैं sadhacodisha.org+5textiles.odisha.gov.in+5handloom.odisha.gov.in+5।
- क्लस्टर विकास (SADHAC)
- SADHAC नामक राज्य–कुंकेलिया ने कार्यशाला, डिजाइन प्रदर्शन स्थल व संयुक्त उत्पादन–विपणन के लिए क्लस्टरृत विकास मॉडल अपनाया है sadhacodisha.org।
- SADHAC नामक राज्य–कुंकेलिया ने कार्यशाला, डिजाइन प्रदर्शन स्थल व संयुक्त उत्पादन–विपणन के लिए क्लस्टरृत विकास मॉडल अपनाया है sadhacodisha.org।
- हाबासपुरी हस्तशिल्प
- तकनीकी समृद्धि द्वारा पुनर्जीवित होने पर भी आज इसके उत्पादन में गिरावट नज़र आती है – योजना के आने पर पुनः उछाल देखी जाती है ।
- तकनीकी समृद्धि द्वारा पुनर्जीवित होने पर भी आज इसके उत्पादन में गिरावट नज़र आती है – योजना के आने पर पुनः उछाल देखी जाती है ।
- राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध समर्थन
- MUDRA ऋण, कच्चा माल सहायता, डिज़ाइन तथा विपणन समर्थन योजनाएँ अर्थव्यवस्था में समन्वित रूप से योगदान देती हैं ।
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🎯 राज्य–आंकड़े और परिणाम
- अन्य राज्यां में HSS का प्रसार: कर्नाटक में 2020–23 के बीच ₹659.26 लाख वित्तीय सहायता दी गई, जिससे उत्पादकता और आय में वृद्धि प्रमाणित हुई myscheme.gov.in+2orissadiary.com+2myscheme.gov.in+2।
- ओडिशा सरकार की भूमिका: राज्य ने भी नियमित रूप से NHDP के माध्यम से कार्यशेड व बीमा आदि योजनाओं को संचालित किया है ।
- औसत लाभार्थियों की उपलब्धियाँ: समायोजन तकनीकों से 60% तक आय वृद्धि दर्ज की गई थी (विशेष रूप से मुध्रा ऋण और HSS उपकरण संयोजन से) ।
🧶 लोककथा–रूपक (कहानी)
“बिया जुड़ल धागा”
पुरानी ग्रामीण ओडिशा की एक कथा है—एक छोटे गांव में राजा आए और गांव-उद्योग को पुनर्जीवित करने का मन बनाया। उन्होंने एक समर्थ बुनकर को आधुनिक ‘टेक्नोलॉजी कंकाल’ वाला एक नया लूम दिया, जिसके बाद उस बुनकर ने तीन गुना उत्पादन और गुणवत्ता से लोक प्रसिद्धि प्राप्त की। यही आज की HSS योजना है—राजा का समर्थन और आधुनिकता का संगम।
यह रूपक बताता है कि सहायता और तकनीक एक साथ मिलने पर पारंपरिक कला को नई पहचान और आत्मनिर्भरता मिल सकती है।
🧭 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न | उत्तर |
1. कौन पात्र है? | भारत के निवासी बुनकर जो हथकरघा अपना पेशा बनाते हैं और जिनके पास असेसरीज़ हेतु 10% योगदान जमा करने की क्षमता है। |
2. उम्र की पाबंदी? | आधिकारिक रूप से कोई उम्र सीमा नहीं, मगर प्रायः तकनीकी प्रशिक्षण हेतु न्यूनतम योग्यता निर्धारित होती है। |
3. कैसे आवेदन करें? | निकटतम WSC (Weaver Service Centre) में कैंप में आएं; दस्तावेज जमा करें। |
4. सब्सिडी कब प्राप्त होगी? | 10% भुगतान और इंस्टालेशन के बाद 7 कार्यदिवस के भीतर सब्सिडी लाभार्थी खाते में ट्रांसफर होती है textiles.odisha.gov.in+2indiafilings.com+2orissadiary.com+2। |
|5. कौन से उपकरण कवर किए जाते हैं?|जैसे मोटराइज्ड जैक्वार्ड, डॉबी, फ्रेम लूम (>60″), आसु मशीन, तरसा किरण, बैक-स्टॉक एक्सेसरीज़ आदि । | |
|6. कोई प्रशासनिक शुल्क?|हाँ, NHDC/WSC 1–2% प्रशासनिक शुल्क लेता है indiafilings.com। | |
|7. क्या कोई गुणवत्ता जांच होती है?|7 दिन में WSC + NHDC/राज्य निदेशालय मिलकर उपकरणों की जांच करते हैं । | |
|8. क्या इसे अन्य योजनाओं के साथ जोड़ा जा सकता है?|हाँ—NHDP, मुध्रा ऋण, कच्चे माल सहायता आदि योजना साथ चल सकती है । | |
|9. ओडिशा में कितने लाभार्थी हुए?|राज्य द्वारा सटीक आंकड़े सार्वजनिक नहीं, पर क्लस्टर विकास व सरकारी समर्थन से बढ़ रही भागीदारी स्पष्ट है । | |
10. क्या पर्यावरणीय लाभ हैं? | काफी—पर्यावरणीय टिकाऊ कच्चे माल का अधिकतम उपयोग और पारंपरिक डिज़ाइन संरक्षण। |
🔜 पहुँच और आगे का रास्ता
- लाभार्थियों को जागरूक बनाना: ग्राम पंचायत व संगठनों के माध्यम से समय-समय पर जानकारी देना।
- डिजिटल रजिस्ट्रेशन: राष्ट्रीय-पंजीकरण पोर्टल से आवेदन व प्रगति ट्रैकिंग की सुविधा।
- तकनीकी मंच: प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं ऑनलाइन ट्यूटोरियल लिंक करना।
- विपणन प्रभावशीलता: डिज़ाइन मेलों, e-GEM पर ऑनबोर्डिंग, राष्ट्रीय प्रदर्शनियाँ।
- निरंतर मूल्यांकन: WSC/ NHDC के माध्यम से वर्ष-वार आंकड़े और गुणवत्ता रिपोर्ट जारी करना।
- स्थापना के बाद का समर्थन: बाद में मरम्मत, अवधि पुनर्गठन व अपग्रेडेशन सुविधा रखना।
🧷 सारांश
- उद्घाटन: 7 अगस्त 2016 |
- मुख्य लक्ष्य: उच्च गुणवत्तायुक्त हथकरघा उत्पादन द्वारा बुनकरों की आय और पारंपरिक कला का सशक्त संरक्षण।
- विशेष पहल: 90% सब्सिडी, आधुनिक उपकरण, निरीक्षण तंत्र, क्लस्टर आधारित समर्थन।
- ओडिशा में प्रभाव: सांस्कृतिक वस्त्रों की खासी उपयोगिता, राज्य समर्थन, स्थानीय शिल्प संबंधी योजनाएं।
- भविष्य: डिजिटलकरण, विपणन, निरंतर निगरानी, तकनीकी नवाचारों के एकीकृत मंच के ज़रिए योजना को और सशक्त बनाना।
निष्कर्ष:
“Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana” केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनरुत्थान की प्रेरणा है। यह हथकरघा व बुनकरों को आधुनिकता से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाती है और राज्य की समृद्ध लोकशिल्प विरासत को उज्जवल बनाती है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: ओडिशा हथकरघा संवर्द्धन सहायता Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana क्या है?
उत्तर: यह Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है जिसका उद्देश्य राज्य के बुनकरों को आर्थिक सहायता, आधुनिक उपकरण और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना है ताकि वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकें।
प्रश्न 2: इस Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana के अंतर्गत कौन-कौन लाभ ले सकते हैं?
उत्तर: इस योजना का लाभ ओडिशा राज्य के पंजीकृत बुनकर, हथकरघा सहकारी समितियाँ, स्वयं सहायता समूह और क्लस्टर यूनिट्स ले सकते हैं।
प्रश्न 3: Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojana के अंतर्गत क्या-क्या सहायता दी जाती है?
उत्तर: योजना के अंतर्गत निम्नलिखित प्रकार की सहायता दी जाती है:
आधुनिक करघे और अन्य उपकरणों की खरीद पर अनुदान
डिजाइन और नवाचार के लिए प्रशिक्षण
विपणन और ब्रांडिंग में सहयोग
तकनीकी उन्नयन के लिए सहायता
प्रश्न 4: Odisha Hathkargha Samvardhan Sahayata Yojanaके लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: इच्छुक बुनकर ओडिशा हथकरघा विकास निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या अपने नजदीकी हथकरघा विकास केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।